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सादड़ी: भारत में विज्ञान की गौरवशाली परम्परा-माली

भारत में विज्ञान की गौरवशाली परम्परा रही है। भारतीय वैज्ञानिकों ने मानव कल्याण के लिए आविष्कार कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। हमारे विज्ञान शिक्षकों को चाहिए कि वे प्रयोग व गतिविधि आधारित विज्ञान शिक्षण कराते हुए विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण पैदा करें।

उक्त उद्गार प्रधानाचार्य विजय सिंह माली ने स्थानीय श्रीधनराज बदामिया राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय सादड़ी में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बगड़ी नगर द्वारा आयोजित विज्ञान शिक्षकों के दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के शुभारंभ पर व्यक्त किए।
माली ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में विज्ञान शिक्षकों की महती भूमिका है।

सरस्वती पूजन से प्रारंभ हुए इस प्रशिक्षण में सर्वप्रथम सभी संभागियो का परिचय लिया गया तथा विद्यालय परिवार की ओर से स्वागत किया गया।दक्ष प्रशिक्षक व्याख्याता मोहनलाल जाट ने कक्षा 9व 10में विज्ञान विषय के पाठ्यक्रम व सीखने के प्रतिफल के आलोक में विज्ञान किट के माध्यम से प्रभावी शिक्षण की जानकारी दी। विज्ञान शिक्षिका कविता कंवर ने आभार व्यक्त किया।मंच संचालन प्रकाश कुमार शिशोदिया ने किया।इस अवसर पर कनक मल, गणपत सिंह सोलंकी, गणपत बोस, जीवराज जाट सहित देसूरी,बाली, रानी तथा सुमेरपुर ब्लाक के विज्ञान शिक्षक उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय हैं कि इस दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में कक्षा 9व 10की विज्ञान की पाठ्यपुस्तक पर आधारित प्रायोगिक कार्य का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

न्यूज़ डेस्क

"दिनेश लूनिया, एक अनुभवी पत्रकार और 'Luniya Times Media' के संस्थापक है। लूनिया 2013 से पत्रकारिता के उस रास्ते पर चल रहे हैं जहाँ सत्य, जिम्मेदारी और राष्ट्रहित सर्वोपरि हैं।

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