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बाल साहित्य के बिना स्वस्थ बच्चे की कल्पना बेमानी -माली

सादड़ी 2अप्रेल

बाल साहित्य के बिना स्वस्थ बच्चे की कल्पना बेमानी है। इसलिए सभी भाषाओं में बाल साहित्य को महत्वपूर्ण स्थान मिला है।आज के वर्तमान तकनीकी युग में बाल साहित्य की जरूरत सबसे ज्यादा है। उक्त उद्गार शहरी संकुल प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी विजय सिंह माली ने स्थानीय श्रीमती तीजो बाई चिमनाजी परिहार राबाउप्रावि में अंतरराष्ट्रीय बाल पुस्तक दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए।

  • माली ने कहा कि प्रतिवर्ष 2अप्रेल को बाल साहित्यकार हंस क्रिश्चियन एंडरसन के जन्मदिन पर अंतरराष्ट्रीय बाल पुस्तक दिवस का आयोजन पढ़ने के प्रति प्यार को प्रेरित करने के लिए किया जाता है। उन्होंने विद्यार्थियों से प्रति सप्ताह एक पुस्तक पुस्तकालय से प्राप्त कर पढ़ने का आह्वान किया।

इस अवसर पर गोपाल सिंह राजपुरोहित व वर्षा कंवर ने बाल साहित्य की जानकारी दी तथा बच्चों को पढ़ने के लिए बाल साहित्य वितरित किया।मंच संचालन प्रवीण कुमार प्रजापति ने किया। इस अवसर पर भाषण निबंध चार्ट निर्माण प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया।जीनल सहित विद्यालय स्टाफ उपस्थित रहा। उल्लेखनीय है कि प्रतिवर्ष 2अप्रेल को अंतरराष्ट्रीय बाल पुस्तक दिवस मनाया जाता है।


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