NewsReligious

कार्तिक पूर्णिमा का जैन धर्म में विशेष महत्व है भायंदर (प) चातुर्मास जो आषाढ़ चतुर्दर्शी से प्रारम्भ होता है

वह कार्तिक पूर्णिमा के दिन संपन्न होता है। यह शुभ दिन तीन कारणों से जैन शासन में महत्वपूर्ण है


विक्रम बी राठौड़
रिपोर्टर

विक्रम बी राठौड़, रिपोर्टर - बाली / मुंबई 
emailcallwebsite

पहला : कार्तिक पूनम के दिन चातुर्मास पश्चात् श्री शत्रुंजय महातीर्थ पालितणा, इस शाश्वत गिरिराज की यात्रा पुनः प्रारंभ होती है। आज ही के दिन द्राविड एवं वारिखिल्लजी 10 करोड़ मुनियों (साधु भंगवतो) के साथ इस गिरिराज से मोक्ष पधारे थे।
कार्तिक पूर्णिमा की पर्वतिथि के दिन द्राविड और वारिखिल्लजी मुनि भगवंत अपने १० करोड साधु-साध्वीजी के परिवार के साथ एक ही दिन निर्वाण पाए । सर्वकर्म क्षय करके मोक्ष में गए। अतः उस दिन उतनी संख्या में एक साथ इतने १० करोड जीव निगोद में से निकलकर संसार के व्यवहार में आए ।

दूसरा : इस दिन के बाद जैन साधू-साध्वी चातुर्मास संपन्न होने से अपनी विहार यात्रा पुनः शुरू करते हैं।

तीसरा : यह दिन बारहवीं शताब्दी के एक महान संत और विद्वान् श्रीमदविजय हेमचंद्राचार्य भगवंतजी की जयंती के रूप में मनाया जाता है।आज के दिन पालीतणा तीर्थ मे हजारो भाई का दर्शन करते जो जा नही पाता ऊनके लिऐ हर जिनालय मे शत्रुंजय गिरीराज पट्ट लगाया जाता है वो यहा दर्शन करने का लाभ लेते है.

आप सभी अपनी सुविधानुसार आज के दिन शत्रुंजय तीर्थ की यात्रा अथवा भाव यात्रा ज़रूर करें। इस मंगल दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनायें।

श्री सिद्धाचल गिरी नमो नमः, श्री विमलाचल गिरी नमो नमः।

श्री शत्रुंजय गिरी नमो नमः, वंदन हो गिरिराज को।।

Khushal Luniya

Meet Khushal Luniya – A Young Tech Enthusiast, AI Operations Expert, Graphic Designer, and Desk Editor at Luniya Times News. Known for his Brilliance and Creativity, Khushal Luniya has already mastered HTML and CSS. His deep passion for Coding, Artificial Intelligence, and Design is driving him to create impactful digital experiences. With a unique blend of technical skill and artistic vision, Khushal Luniya is truly a rising star in the tech and Media World.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
22:23