चारागाह संरक्षण में मिसाल बने भंवरलाल खटीक, 35 वर्षों से कर रहे पर्यावरण संरक्षण का कार्य

- भीलवाड़ा
भीलवाड़ा जिले के बरून्दनी गांव निवासी भंवरलाल खटीक ने पर्यावरण संरक्षण और पशुधन संवर्धन के क्षेत्र में एक प्रेरणादायक मिसाल कायम की है।
उन्होंने बीते 35 वर्षों से अपने निजी प्रयासों और संसाधनों से लगभग 200 हेक्टेयर चारागाह भूमि को विकसित कर उसे हरी-भरी जमीन में बदल दिया है। उनका यह कार्य न केवल उनके गांव, बल्कि पूरे राजस्थान के लिए प्रेरणास्रोत बन गया है।
खटीक ने इस चारागाह भूमि को सिर्फ हरित नहीं बनाया, बल्कि देशी घासों और वनस्पतियों का रोपण कर उसका संरक्षण भी किया। उन्होंने एक वनस्पति बीज बैंक की स्थापना की है, जिसमें विभिन्न प्रकार की उपयोगी घासों और पौधों के बीज एकत्र किए जाते हैं। यह बीज बैंक आसपास के क्षेत्रों में चारागाह विकास और पुनरुत्थान में सहयोग कर रहा है।
हाल ही में आयोजित राज्य स्तरीय वनस्पति बीज बैंक कार्यशाला में शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने भंवरलाल खटीक के कार्यों की प्रशंसा करते हुए मंच पर उन्हें सम्मानित किया। मंत्री ने कहा, “खटीक जैसे व्यक्तित्व समाज के लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने न केवल पर्यावरण की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है, बल्कि पशुधन के लिए भी एक सुरक्षित व हरित स्थान प्रदान किया है।”
बरून्दनी गांव और आसपास के क्षेत्र के पशुपालक आज श्री खटीक द्वारा विकसित चारागाह से प्रत्यक्ष लाभान्वित हो रहे हैं। इस भूमि पर सालभर हरी घास उपलब्ध रहती है, जिससे पशुओं को पौष्टिक आहार मिलता है। इसके कारण दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हुई है और ग्रामीणों की आजीविका भी सशक्त हुई है।
भंवरलाल खटीक का यह प्रयास हमें यह सिखाता है कि यदि संकल्प दृढ़ हो, तो व्यक्तिगत स्तर पर भी बड़ा परिवर्तन लाया जा सकता है। उनका यह कार्य भावी पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण, जैव विविधता, जलवायु संतुलन और सतत विकास की दिशा में प्रेरित करता है।