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होली ढूंढोत्सल का गीत

प्रस्तोता- घेवरचन्द आर्य पाली

Ghevarchand Aarya
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Ghevarchand Aarya is a Author in Luniya Times News Media Website.

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हरि हरि रे हरिया वेल, डावे कवलें चम्पा वेल ।

कोकड़ माय जाड़ बूट, इण घर इतरा घोड़ा ऊंट ॥

इण घर इतरी गायों भैयों, इण घर इतरी टिंगडियों ।

इण घर जाया लाडल पुत, छोटी कुलड़ी चमक चणा ॥

डावे हाथ लपुकों ले, जीमणे हाथ चंवर ढोलाव ।

ज्यों ज्यों चम्पो लेहरों ले, डावे हाथ लेहरियो ले i

सात हुवा ने जणा पच्चास, गेरीयो रो पूरो हास ।
इतरों मोटो वेजे………..।

हरी हरी रे हरिया वेल, ज्यों ज्यों चम्पो लेहरो ले

गेरीयां आया धारे द्वार, घर घरयोंणी बारे आव,

गुडरी भेली लेती आव, साकलीयों रो डालो लाव।।

गेरीयों री आस पुराव, गेरियां आया थारे द्वार।।

हरि हरि रे हरिया ढूंढ, इतरो मोटो वेजे…।

ये वो मारवाडी शब्दोच्चार है जो होली ढूंढोत्सव पर बोला जाता है।

 

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