जिला कलक्टर ने ली राजस्व अधिकारियों की बैठक, दिए निर्देश
जिला कलक्टर ने ली राजस्व अधिकारियों की बैठक, दिए निर्देश राजस्व अधिकारी बकाया राजस्व प्रकरणों का विहित समय पर निस्तारण करवाना सुनिश्चित करें - जिला कलक्टर डॉ. राजोरिया

- प्रतापगढ़
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जिला कलक्टर डॉ. अंजली राजोरिया की अध्यक्षता में बुधवार को जिला कलेक्ट्रेट में राजस्व अधिकारियों की बैठक संपन्न हुई. राजस्व अधिकारी बकाया राजस्व प्रकरणों का विहित समय पर निस्तारण करवाना सुनिश्चित करें-जिला कलक्टर डॉ. राजोरिया
उन्होंने कहा कि सभी उपखण्ड अधिकारी अपने दायित्वों का पालन करते हुए अपने क्षेत्र में संचालित समस्त गतिविधियों की समीक्षा करे। उन्होंने पंजीकृत राजस्व प्रकरण, प्रकरणों के निस्तारण और लंबित प्रकरणों की समीक्षा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। बैठक में जिले में भू-आवंटन,अतिक्रमण, भू-रूपान्तरण और नामान्तरण सहित सभी तरह के राजस्व प्रकरणों की समीक्षा की। साथ ही गत बैठक में दिए गए निर्देशों की पालना के बारे में पूछा। जिला कलक्टर ने विभिन्न पोर्टल के बारे में चर्चा कर डाटा को पोर्टल पर नियमानुसार समयसीमा के भीतर अपडेट करने के निर्देश दिए।
जिला कलक्टर ने कहा की राजस्व अधिकारी बकाया राजस्व प्रकरणों का विहित समय पर निस्तारण करवाना सुनिश्चित करें। बैठक में उपखंड अधिकारी प्रतापगढ़ मणिलाल तीरगर, उपखंड अधिकारी छोटीसादड़ी यतींद्र पोरवाल, उपखंड अधिकारी धरियावद राकेश न्योल, तहसीलदार प्रतापगढ़ उज्जवल जैन, तहसीलदार धरियावद दीपिका कटारा, सुहागपुरा तहसीलदार नितिन मेरावत सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे.
मुख्यमंत्री कौशल विकास योजनाः राजस्थान के युवाओं के लिए सुनहरे अवसर
राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम (RSLDC) द्वारा संचालित मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना राज्य के युवाओं के भविष्य को संवारने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल साबित हो रही है। यह योजना न केवल युवाओं को रोजगार के योग्य बना रही है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भरता की ओर भी अग्रसर कर रही है।
RSLDC के नेतृत्व में इस योजना के तहत राजस्थान के कोने-कोने में कौशल विकास केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं. जहां युवाओं को उभरते हुए औद्योगिक क्षेत्रों के अनुरूप आधुनिक और प्रासंगिक कौशलों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह योजना राज्य के युवा वर्ग के लिए रोजगार के बेहतर अवसर खोलने में मील का पत्थर साबित हो रही है।
आवेदनों की स्थिति
मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तीन प्रमुख कार्यक्रमों में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है। RAJKVIK के तहत 223 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 123 एजेंसियों को एम्पैनल्ड किया गया है, और योजना का लक्ष्य 30,000 युवाओं को प्रशिक्षित करना है। सक्षम के लिए 92 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 62 एजेंसियों को एम्पैनल्ड किया गया है। इसका उद्देश्य 12,000 युवाओं को प्रशिक्षित करना है। समर्थ में 241 आवेदन प्राप्त हुए हैं, और 159 एजेंसियों को एम्पैनल्ड किया गया है। इसके तहत 8,000 युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है।
एजेंसियों के लिए उच्च मानदंड
RSLDC द्वारा इस योजना में भाग लेने वाली एजेंसियों के लिए उच्च मानदंड निर्धारित किए गए हैं। एजेंसियों के औसत वार्षिक टर्नओवर और सक्रिय कौशल विकास केंद्रों की संख्या में वृद्धि की गई है। साथ ही ग्रीन जॉब्स (पर्यावरण संबंधित नौकरियां), फ्यूचर स्किल्स (भविष्य के कौशल), टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी (पर्यटन और आतिथ्य), हैंडीक्राफ्ट्स (हस्तशिल्प), और फूड प्रोसेसिंग (खाद्य प्रसंस्करण) जैसे उभरते क्षेत्रों के पाठ्यक्रमों को प्राथमिकता दी जा रही है। यह सुनिश्चित किया गया है कि केवल वहीं एजेंसियां आवेदन करें, जो इन क्षेत्रों में गहन अनुभव रखती हों और उच्च गुणवत्ता वाली ट्रेनिंग प्रदान कर सकें।
मॉनिटरिंग की पुख्ता व्यवस्था
इस योजना के तहत प्रत्येक प्रशिक्षण केंद्र की मॉनिटरिंग आईपी कैमरों के माध्यम से की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी केंद्रों में गुणवत्ता वाली शिक्षा और आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हों। यह मॉनिटरिंग सिस्टम RSLDC की प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि हर एक युवा को बेहतरीन प्रशिक्षण मिले और वे अपनी क्षमताओं का पूर्ण विकास कर सकें।
युवाओं के लिए योजना के लाभ
मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना से प्रदेश के हजारों युवाओं को रोजगार और आजीविका के नए अवसर मिलेंगे। इस योजना के जरिए न केवल युवाओं को उन्नत कौशल प्रदान किए जाएंगे, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी हर संभव प्रयास किया जाएगा। इस योजना की सफलता से राजस्थान न केवल राष्ट्रीय स्तर पर कौशल विकास के क्षेत्र में अग्रणी बनेगा, बल्कि राज्य के युवाओं को अपने सपनों को साकार करने का अद्वितीय मौका भी मिलेगा।
राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम के इस साहसिक कदम से यह साबित हो रहा है कि राज्य का भविष्य युवाओं के मजबूत हाथों में है और यह योजना उन्हें नए आयाम प्रदान कर रही है।
जिले में जनभावना के अनुरूप पारदर्शी एवं संवेदनशील वातावरण में आमजन की परिवेदनाओं/समस्याओं की सुनवाई एवं त्वरित समाधान के लिए मुख्य सचिव द्वारा त्रिस्तरीय व्यवस्था बनाई जाकर नवीन दिशा-निर्देश जारी किए है।
जिला कलक्टर डॉ. अंजलि राजोरिया के निर्देशानुसार 16 जनवरी, गुरुवार कोे प्रातः 11 से 2 बजे तक जिला स्तरीय जनसुनवाई कलेक्ट्रट स्थित डीओआईटी के जनसुनवाई कक्ष पर आयोजित होगी। जनसुनवाई कार्यक्रम में जिला स्तरीय अधिकारी, कर्मचारी व जनप्रतिनिधि आदि भाग लेंगे।
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