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आगजनी से दो झोपड़े और अनाज जलकर राख, कैंसर पीड़िता का परिवार आया आसमान तले


रिपोर्ट– राकेश कुमार लखारा, बाड़मेर (राजस्थान)


बाड़मेर, खड़ीन गांव।  जिले के खड़ीन गांव में मंगलवार दोपहर एक दर्दनाक हादसे में भोमाराम टिकमाराम मेघवाल के घर अचानक आग लगने से दो झोपड़े और उसमें रखा घरेलू सामान व अनाज जलकर राख हो गया। आग लगने के कारणों का अब तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन इस हादसे ने एक गरीब परिवार को पूरी तरह से बेसहारा कर दिया है।

आग से दो झोपड़े, दो बोरी बाजरी और कीमती सामान जलकर राख

घटना के दौरान झोपड़ों में रखी दो बोरी बाजरी, बर्तन, कपड़े, बिस्तर और अन्य जरूरी सामान पूरी तरह जल गया। पीड़ित भोमाराम दिहाड़ी मजदूर हैं और परिवार की आर्थिक स्थिति पहले से ही बेहद खराब है। उनकी पत्नी पिछले दो वर्षों से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं, और ऐसे में यह आगजनी परिवार के लिए एक बड़ा संकट बनकर सामने आई है।

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छोटे बच्चों के सामने संकट, लाखों का नुकसान

भोमाराम अपनी पत्नी और छोटे बच्चों के साथ इन झोपड़ियों में रहते थे। दैनिक मजदूरी से किसी तरह घर चल रहा था, लेकिन अब इस हादसे से परिवार पूरी तरह तबाह हो गया है। आग में हुए नुकसान की अनुमानित लागत लाखों रुपये बताई जा रही है। इस आपदा ने गरीब परिवार को आसमान तले जीवन बिताने को मजबूर कर दिया है।

‘मेरा आदर्श गांव खड़ीन’ समूह ने बढ़ाया मदद का हाथ

इस मुश्किल समय में गांव के समाजसेवियों और ‘मेरा आदर्श गांव खड़ीन’ ग्रुप ने मानवीय संवेदनाएं दिखाते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से 35,000 रुपये की सहायता राशि एकत्रित की और पीड़ित परिवार को तत्काल राहत प्रदान की। यह सहायता संकट की घड़ी में एक बड़ी मदद के रूप में सामने आई।

जनप्रतिनिधियों और प्रशासन से सहायता की मांग

स्थानीय ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों से अपील की है कि भोमाराम के परिवार को सरकारी सहायता राशि प्रदान की जाए, ताकि वह दोबारा अपनी जिंदगी को सामान्य रूप से जीने की दिशा में कदम बढ़ा सके। ग्रामीणों ने मांग की है कि इस आपदा की गंभीरता को देखते हुए राजस्व विभाग द्वारा नुकसान का आंकलन कर शीघ्र मुआवजा राशि जारी की जाए।

यह हादसा न केवल एक गरीब परिवार की व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन और पीड़ितों की तत्काल सहायता की व्यवस्था पर भी सवाल उठाता है। ऐसे मामलों में समय पर मदद ही पीड़ित परिवारों को दोबारा खड़े होने की ताकत दे सकती है।

न्यूज़ डेस्क

"दिनेश लूनिया, एक अनुभवी पत्रकार और 'Luniya Times Media' के संस्थापक है। लूनिया 2013 से पत्रकारिता के उस रास्ते पर चल रहे हैं जहाँ सत्य, जिम्मेदारी और राष्ट्रहित सर्वोपरि हैं।

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