आजाद मैदान सौन्दर्यकरण कार्य पर उठा विवाद, नगर पालिका सादड़ी के खिलाफ जनजागरण अभियान की घोषणा

सादड़ी। नगर पालिका सादड़ी द्वारा आज़ाद मैदान के सौन्दर्यकरण कार्य की शुरुआत के साथ ही स्थानीय नागरिकों व जनप्रतिनिधियों में असंतोष उभरकर सामने आ रहा है। इस कार्य को लेकर क्षेत्रीय जनता ने आपत्ति जताई है कि मैदान की चारदीवारी तोड़ने और नए निर्माण कार्यों के चलते कई गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि दीवारें तोड़ने से न केवल सुरक्षा की दृष्टि से खतरा बढ़ेगा बल्कि यह आपराधिक गतिविधियों को भी आमंत्रण देगा। साथ ही, सरकारी अस्पताल की ओर से दीवार हटाने पर अस्पताल की गोपनीयता व कार्य संचालन भी प्रभावित होगा।
वहीं, सौन्दर्यकरण के अंतर्गत बनाई जा रही नई दीवारों से सार्वजनिक बगीचा, सरकारी अस्पताल और राधा बाई धर्मशाला की आवाजाही बाधित हो रही है, जिससे आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इस मुद्दे को लेकर नेता प्रतिपक्ष राकेश मेवाड़ा के नेतृत्व में समस्त पार्षदों ने नगर पालिका अधिशासी अधिकारी और उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। लेकिन प्रशासन की ओर से कोई संतोषजनक समाधान न निकलने पर विरोध तेज होता जा रहा है। जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि नगरपालिका द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगे जाने पर भी आज़ाद मैदान के सौन्दर्यकरण व विकास की प्रमाणित प्रतिलिपियाँ उपलब्ध नहीं कराई गईं।
विरोध के क्रम में 13 मई 2025 को वार्ड संख्या 24 स्थित श्री श्रीयादे माता मंदिर प्रांगण में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें हठधर्मिता के विरुद्ध आवाज़ बुलंद करने का आह्वान किया गया। निर्णय लिया गया कि नगर पालिका के समस्त 35 वार्डों में जनजागरण अभियान चलाया जाएगा ताकि जनता को इस मुद्दे की सच्चाई से अवगत कराया जा सके।
इस आंदोलन का अगला कदम 19 मई 2025, सोमवार को गांधीवादी तरीके से नगर पालिका कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन करना होगा।
गौरतलब है कि आजाद मैदान का यह सौन्दर्यकरण कार्य नगरपालिका सामान्य निधि से संचालित हो रहा है, जो ई-निविदा सूचना 2024-25 के अंतर्गत 20 दिसंबर 2024 को जारी टेंडर के आधार पर प्रारंभ किया गया था।
इस पूरी प्रक्रिया के दौरान प्रमुख रूप से उपस्थित जनप्रतिनिधियों में नेता प्रतिपक्ष राकेश मेवाड़ा, पार्षद रमेश प्रजापत, वसीम नागौरी, गजाराम भादू, मांगीलाल प्रजापत, गणपतदास, दीपाराम प्रजापत, फुलचंद प्रजापत, घीसुलाल, राजाराम, ओगडराम प्रजापत, देवाराम, ताराचंद राठौड़, नगराज, कपुरचंद, नथाराम, मदन, मनरुपदास, अमृत परमार, कन्हैयालाल मीणा, दिलीप मेवाड़ा, हितेश देवड़ा, प्रवेश, कैलाश, मोतीबाई, प्यारी, मीरा, मोती, मंजु, कन्या, जगी और पुष्पा आदि शामिल रहे।