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भारत की अर्थव्यवस्था विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनी: छोटे व्यापारियों के लिए नया सवेरा – खंडेलवाल

यह भारत के छोटे व्यापारियों और उद्यमियों के लिए अवसरों का द्वार है : शंकर ठक्कर


Lalit Dave
National Correspondent

Lalit Dave, Reporter And National Correspondent - Mumbai Maharashtra
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ललित दवे /नई दिल्ली। दिल्ली के चांदनी चौक से भाजपा सांसद एवं कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत का विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना देश के छोटे व्यापारियों के लिए सुनहरा अवसर लेकर आया है। यह उपलब्धि भारत की व्यापारिक संरचना में एक शक्तिशाली बदलाव का संकेत है—विशेष रूप से उन छोटे व्यापारियों, व्यापारिक संगठनों, एमएसएमई और स्टार्टअप्स के लिए जो भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। घरेलू खपत में वृद्धि, वैश्विक व्यापारिक रिश्ते और डिजिटल परिवर्तन के साथ छोटे व्यवसाय अब एक स्वर्णिम युग की दहलीज़ पर खड़े हैं।

उन्होंने दृढ़तापूर्वक कहा कि देश और विदेश दोनों स्तर पर बड़े बाजारों तक पहुंच अब पहले से अधिक होगी जिससे घरेलू खपत में तेज़ी आएगी और स्थानीय व्यवसायों के लिए एक बड़ा बाज़ार तैयार होगा। बेहतर होते व्यापारिक रिश्ते और मुक्त व्यापार समझौते (FTA) भारतीय वस्तुओं और सेवाओं के लिए निर्यात के नए अवसर खोलेंगे।

कैट के राष्ट्रीय मंत्री एवं अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने कहा कि सरकार की ओर से मिलने वाला सहयोग और सुधार—जैसे कि पीएलआई (उत्पादन आधारित प्रोत्साहन) योजनाएं और एमएसएमई के लिए क्रेडिट योजनाएं—छोटे व्यापारियों को सशक्त बनाएंगे। जीएसटी में सुधार, व्यापार करने में आसानी और अनुपालन प्रक्रिया को सरल बनाना छोटे व्यापारियों के लिए व्यापार को और सहज बनाएगा।

उन्होंने कहा कि तेज़ी से हो रहा डिजिटल परिवर्तन और ई-कॉमर्स की पैठ छोटे व्यापारियों को अपने क्षेत्र से बाहर भी ग्राहकों तक पहुँचने में मदद कर रही है, वहीं सशक्त सप्लाई चेन के माध्यम से सड़कों, रेलवे, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग में हो रहे इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेडेशन से लागत में कमी और डिलीवरी समय में सुधार होगा। ‘मेक इन इंडिया’ और ‘चाइना +1’ रणनीति के माध्यम से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में भारत की भागीदारी बढ़ेगी।

खंडेलवाल ने कहा कि बढ़ती आर्थिक ताकत के चलते अब बैंकों, फिनटेक कंपनियों और एनबीएफसी द्वारा छोटे व्यापारियों को अधिक फाइनेंस और क्रेडिट उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही छोटे व्यापारियों का औपचारिकरण उन्हें सरकार की योजनाओं, टेंडर और संरचित ऋणों के लिए पात्र बनाता है।

सरकार और निजी क्षेत्र की साझेदारी से छोटे व्यापारियों और उनके कर्मचारियों को डिजिटल टूल्स, अकाउंटिंग, मार्केटिंग और निर्यात जैसे विषयों में स्किलिंग दी जा रही है, जिससे दीर्घकालिक और टिकाऊ विकास संभव होगा। नवाचार आधारित प्रोत्साहन योजनाएं जमीनी स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा देंगी।

खंडेलवाल ने विभिन्न क्षेत्रों में मिलने वाले अवसरों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि:

  • रिटेल और ट्रेड सेक्टर में खपत बढ़ेगी और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से बाज़ार की पहुँच गहराई तक होगी।
  • मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में स्थानीय सोर्सिंग और वेंडर डेवलपमेंट को बढ़ावा मिलेगा।
  • सेवाएं जैसे टेक्नोलॉजी, स्वास्थ्य और शिक्षा में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मांग में वृद्धि होगी।
  • कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निर्यात को बढ़ावा और मूल्य श्रृंखला का आधुनिकीकरण होगा।
  • हस्तशिल्प और वस्त्र क्षेत्र में निर्यात में बढ़ोतरी होगी और भारतीय सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक ब्रांडिंग प्राप्त होगी।

शंकर ठक्कर ने आगे कहा कि “भारत का चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना केवल एक शीर्षक नहीं है—यह भारत के छोटे व्यापारियों और उद्यमियों के लिए अवसरों का द्वार है। सही समर्थन और मार्गदर्शन से यह लोग भारत को समावेशी विकास की अगली ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे।

न्यूज़ डेस्क

"दिनेश लूनिया, एक अनुभवी पत्रकार और 'Luniya Times Media' के संस्थापक है। लूनिया 2013 से पत्रकारिता के उस रास्ते पर चल रहे हैं जहाँ सत्य, जिम्मेदारी और राष्ट्रहित सर्वोपरि हैं।

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