खाद्य तेल की आयात शुल्क कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाये सभी विक्रेता : शंकर ठक्कर

- मुंबई
31 मई को कच्चे सोयाबीन,पाम और सूरजमुखी तेल पर मूल सीमा शुल्क में 10% कटौती की गई थी
अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कॉन्फडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय मंत्री शंकर ठक्कर ने खाद्य तेल उत्पादकों, थोक विक्रेता, वितरक,खुदरा विक्रेता, ऑनलाइन विक्रेता एवं क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म को अपील करते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा 31 मई को कच्चे खाद्य तेलों के आयात शुल्क को आधा कर दिया है।
इस बड़ी कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाना चाहिए इसलिए खाद्य तेल विक्रेता सभी घटकों की यह फर्ज है कि अपने-अपने स्तर पर कीमतों में कटौती करें। यह परिवर्तन इन तेलों पर पिछले आठ महीनों से अधिक समय से लगाए जा रहे उच्च आयात शुल्क को उलट देता है। नतीजतन, कच्चे पाम, सोया एवं सनफ्लावर तीनों उत्पादों पर प्रभावी आयात शुल्क 27.5% से घटकर 16.5% हो गया है जिसमें मूल सीमा शुल्क और अतिरिक्त शुल्क शामिल हैं।
शंकर ठक्कर ने अपने संगठन के सदस्य एवं सभी प्रकार के विक्रेताओं को आग्रह भरी विनंती करते हुए कहा भारत सरकार ने कच्चे तेलों पर आयात शुल्क में कमी की है, संगठन की ओर से यह अपेक्षा की गई है कि अर्जित लाभ को उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाएगा। सभी से अनुरोध है कि वे लागत में कमी का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाएं और पैकेज पर अंकित एम.आर.पी. को भी कम करें।” महासंघ के महामंत्री तरुण जैन ने कहा सरकार को बड़े उत्पादकों से यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि वह तुरंत एमआरपी एवं दामों में कटौती करें ताकि पूरी सप्लाई चैन मिलकर इसका सीधा लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जा सके