- मुम्बई/ललित दवे
कॉन्फडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) महाराष्ट्र प्रदेश के महामंत्री एवं अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने बताया इस बार मुंबई और देशभर में में होली पर बाजार में चुनावी रंग साफ दिखाई दे रहा है। एक ओर जहां लोकसभा चुनाव के चलते व्यापारियों की बिक्री में इजाफा हुआ है और उनके चेहरे खिल उठे हैं, वहीं कई प्रदेशों में डबल इंजन की सरकार के चलते मोदी पिचकारी और मुखौटे की भारी मांग है, जो चुनावी प्रचार-प्रसार का भी माध्यम बन गए हैं। मोदी के अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जय श्रीराम लिखी टोपी भी खूब बिक रही है। लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के बाद रंगोत्सव पर रंग-गुलाल, पिचकारी, मुखौटा, चश्मा, टोपी और कपड़े की दुकानों पर भारी भीड़ देखी जा रही है। साथ ही गुजिया, नमकीन, मिठाइयां, ड्राई फ्रूट्स, परिधान, घरों के सजावटी सामान, किराना, चंदन, पूजा सामग्री, गिफ्ट आइटम्स, फूल व फल, मैदा, सूजी, चीनी, खाद्य तेल समेत अन्य त्यौहारी सामानों की बिक्री खूब हो रही है।
रंग-गुलाल के थोक विक्रेता ने बताया कि लोकसभा चुनाव के चलते रंग-गुलाल, पिचकारीयों की खरीदारी में 20 फीसदी तक इजाफा हुआ है। इस बार शहर में चुनाव के चलते होली मिलन समारोह में भी लगभग 15 फीसदी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। होली के बाहने राजनेता विभिन्न इलाकों में होली मिलन समारोह के माध्यम से आसानी से अपना प्रचार-प्रसार कर रहे हैं और जनता के साथ रंग-गुलाल उड़ाने के लिए तैयार हैं।
शहर के प्रमुख बाजारों में क्राफर्ड मार्केट, दादर मार्केट, मस्जिद बंदर मार्केट,थाना महागिरी मार्केट जैसी कई बाजारों में बड़ी संख्या में होली पर दुकाने सजी हुई हैं। दुकानों पर कई तरह की रंग-बिरंगी पिचकारियां हैं। इनमें सबसे अधिक क्रेज मोदी पिचकारी की है। दुकानदारों से युवा और बच्चे मोदी मुखौटे और पिचकारी की मांग रहे हैं। मोदी पिचकारी बाजार में 200 से लेकर 450 रुपए तक में बिक रही है। वहीं पिचकारी के अलावा दुकानों पर तरह-तरह के मुखौटे, चश्मा, टोपी लोगों को आकर्षित कर रही हैं। लंबे पाइप वाली पिचकारियां भी इस बार बाजार में बिकने आई हैं। हालांकि इस बार बाजार में लोग स्वास्थ्य के लिहाज से हानिकारक केमिकलयुक्त रंग की खरीदारी से परहेज कर रहे हैं। हर्बलयुक्त रंग, अबीर और गुलाल की बिक्री बढ़ी है।
बाजार में खाद्य तेलों में खासकर सूरजमुखी और सोयाबीन रिफाइंड और पॉम ऑयल के साथ-साथ शकर की मांग भी आमदिनों की अपेक्षा 15 फीसदी तक बढ़ी है, क्योंकि होली पर बड़ी संख्या में भारतीय परिवार घर पर भी पकवान बनाने की परंपरा है।
कैट के महाराष्ट्र प्रदेश के वरिष्ठ अध्यक्ष महेश बखाई ने बताया कि चुनावी साल होने के कारण मुंबई में इस बार बड़ी संख्या में लगभग 1000 से अधिक होली मिलन समारोह होने की उम्मीद है। चुनावी दौर में होली मिलन समारोह जनसंपर्क का पंसदीदा माध्यम बनने जा रहा है।
कैट के अनुसार, अकेले दिल्ली भर में छोटे बड़े मिलाकर तीन हजार से ज्यादा होली मिलन समारोह आयोजित होंगे। होली समारोहों के चलते बैंक्वेट हाल, फार्म हाउस, होटलों, रेस्तरां व सार्वजनिक पार्कों में होली समारोहों आयोजनों का तांता लगा हुआ है और इस सेक्टर ने दो वर्ष के बाद अच्छा व्यापार होने की उम्मीद है।
बच्चों के लिए इस वर्ष कई वैरायटी की पिचकारियां मौजूद हैं। बच्चों के लिए खास तौर पर टैंक गन, डोरेमॉन, पिचकू पिचकारी, छोटा भीम और मोटू-पतलू की अनेक वैरायटियां मौजूद हैं। इनकी कीमत 150 रुपए से 400 रुपए तक है। छोटी पिचकारियों की शुरुआती कीमत 50 रुपए है। वहीं गुलाल और रंग की बात करें तो 5 रुपए से लेकर 100 रुपए तक के बिक्री वाले विभिन्न पैकेट्स में उपलब्ध हैं।
दुकानदारों का कहना है कि छोटी पिचकारी के रेट में तो ज्यादा फर्क नहीं आया है, लेकिन बड़ी पिचकारियों, रंग-गुलाल, अबीर के दामों में पिछले साल की तुलना में 10 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। चुनाव के चलते होली पर बिक्री 20 फीसदी तक बढ़ी है।
शंकर ठक्कर ने आगे बताया चुनावी सीजन होने के चलते होली पर त्योहारी बिक्री में इजाफा हुआ है। शहर में होली तक विभिन्न सेक्टर में लगभग 800 करोड़ रुपए का कारोबार होने की उम्मीद है। इस बार मुंबई एमएमआर रीजन में करीब 200 करोड़ रुपए की मिठाई खोवा, पनीर व ड्राई फ्रूट्स का कारोबार होने की संभावना है। वहीं 225 करोड़ रुपए तक किराना कारोबार का अनुमान है। 375 करोड़ रुपए अन्य वस्तुओं का कारोबार होने का हनुमान है। इस बार शनिवार व रविवार यानी वीकेंड वाली होली के कारण शहर के विभिन्न बाजारों में बिक्री बढऩे की उम्मीद है। होली के चलते विभिन्न बाजारों में लगभग 20 फीसदी ज्यादा कारोबार होने की उम्मीद है।
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