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छात्रवृत्ति की पेंडेंसी शून्य करना और पात्र छात्र-छात्राओं को लाभ दिलाना सरकार की प्राथमिकता – सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री

जयपुर। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति उपलब्ध कराना विभाग की सतत प्रक्रिया है और राज्य सरकार इस प्रक्रिया में निरंतर सुधार कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है कि छात्रवृत्ति की पेंडेंसी पूरी तरह शून्य हो और किसी भी श्रेणी के पात्र छात्र-छात्रा छात्रवृत्ति से वंचित न रहे।

मंत्री ने यह बात विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सदस्य द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए कही। उन्होंने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए 31 मार्च अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। फिलहाल केवल उन्हीं छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति होल्ड पर है, जिनके आवेदन में आपत्तियां (आक्षेप) हैं और जिन्हें छात्र-छात्राओं या शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा पूरा नहीं किया गया है।

मंत्री ने कहा कि विभागीय स्तर पर परीक्षण कर ऐसे विद्यार्थियों को आपत्तियां पूरी करने का अवसर दिया जाएगा ताकि कोई भी पात्र विद्यार्थी छात्रवृत्ति से वंचित न रहे। उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि यदि किसी कारणवश विद्यार्थी अपनी आपत्तियां 31 मार्च तक अपलोड नहीं कर पाते हैं तो अंतिम तिथि बढ़ाई जा सकती है। सरकार की पूरी कोशिश है कि पात्र अभ्यर्थी छात्रवृत्ति का लाभ अवश्य प्राप्त करें।

नेता प्रतिपक्ष के हस्तक्षेप के दौरान मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि विगत वर्षों में जारी की गई छात्रवृत्ति का वर्षवार पूरा ब्यौरा उपलब्ध कराया जाएगा।

इससे पहले विधायक चेतन पटेल कोलाना के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में मंत्री ने बताया कि उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनांतर्गत कोटा जिले में शिक्षण संस्थानों के स्तर पर लंबित एवं निरस्त किए गए आवेदन पत्रों का वर्गवार एवं वर्षवार संख्यात्मक विवरण सदन के पटल पर रखा गया है।

मंत्री ने बताया कि उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत संचालित की जाती है। इन दिशा-निर्देशों के अनुसार विद्यार्थियों द्वारा ऑनलाइन आवेदन करने के बाद 90 दिनों के भीतर आवेदन पत्रों का निस्तारण करना आवश्यक है। विद्यार्थियों द्वारा आवेदन की सभी प्रविष्टियां पूरी करने एवं आवश्यक दस्तावेज जमा कराने की स्थिति में बजट उपलब्धता के आधार पर छात्रवृत्ति का लाभ प्रदान किया जाता है।

उन्होंने कहा कि ऐसे आवेदन पत्र जो अपूर्ण या आक्षेपित हैं, वे आवेदन पत्र छात्रवृत्ति के लिए अपात्र माने जाते हैं। विभाग ने शैक्षणिक सत्र 2016-17 से 2022-23 तक लंबित ऐसे आवेदन पत्रों की जानकारी साझा की, जिनकी पूर्ति के लिए विद्यार्थियों और शिक्षण संस्थाओं को कई प्रयासों जैसे – मोबाइल मैसेज, 181 हेल्पलाइन से वॉइस मैसेज, शिक्षण संस्थाओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और समाचार पत्रों में विज्ञप्ति के माध्यम से सूचित किया गया।

इसके बावजूद जिन शिक्षण संस्थाओं ने आक्षेप पूर्ति कर आवेदन विभाग को अग्रेषित नहीं किए, उन आवेदन पत्रों को दिशा-निर्देशों के अनुसार निरस्त कर दिया गया है। अतः ऐसे आवेदन पत्रों को छात्रवृत्ति प्रदान नहीं की जा सकती।

मंत्री ने कहा कि सरकार की मंशा स्पष्ट है कि पात्र विद्यार्थियों को हर हाल में छात्रवृत्ति मिले और कोई भी वंचित न रहे।

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