Crime NewsState News

जैन साधुओं के साथ सिंगोली (मध्यप्रदेश) में हुई मारपीट की घटना पर संत समाज की तीव्र प्रतिक्रिया

विक्रम बी राठौड़
रिपोर्टर

विक्रम बी राठौड़, रिपोर्टर - बाली / मुंबई 
emailcallwebsite

मुंबई/सिंगोली।  मध्यप्रदेश के सिंगोली क्षेत्र में हाल ही में जैन समाज के संतों के साथ की गई मारपीट और दुर्व्यवहार की घटना ने संपूर्ण जैन समाज को आक्रोशित कर दिया है। यह अत्यंत निंदनीय घटना उस समय हुई जब जैन साधु भंगवतो महाराज साहेब अपने धार्मिक विहार में संलग्न थे। इस दौरान कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा उनके साथ न केवल बदसलूकी की गई, बल्कि शारीरिक रूप से भी उन्हें प्रताड़ित किया गया।

इस घटना की जानकारी मिलते ही मोहनखेड़ा महातीर्थ के विकास प्रेरक, गुरुदेव आचार्य प्रवर श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्र सूरीश्वरजी महाराज साहेब के शिष्य मुनि श्री पीयूषचन्द्र विजय एवं मुनि श्री रजतचन्द्र विजय महाराज साहेब ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए मध्यप्रदेश राज्य सरकार और मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव के नाम पत्र लिखा है।

 

Whatsapp image 2025 04 14 at 7.34.23 pm

इस पत्र में उन्होंने मांग की है कि:

  • दोषियों को तत्काल गिरफ्तार कर उनके खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्यवाही की जाए।
  • जैन साधु-साध्वियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु राज्य सरकार विशेष कदम उठाए।
  • भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए प्रशासन को जागरूक और उत्तरदायी बनाया जाए।

जैन संतों का यह कहना है कि साधु-संत समाज हमेशा से ही शांति, अहिंसा और तपस्या के मार्ग पर चलता आया है। वे समाज को नैतिकता, संयम और अध्यात्म का मार्ग दिखाते हैं। ऐसे पवित्र जीवन जीने वाले साधुओं के साथ हिंसा और अपमान जैसी घटनाएं समूचे धार्मिक समाज को पीड़ा देती हैं।

यह केवल जैन समाज ही नहीं, बल्कि पूरे भारत की सहिष्णुता और धार्मिक सद्भाव पर एक प्रश्नचिन्ह है। साधु-संत समाज ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर प्रशासन इस विषय में शीघ्र और कठोर कदम नहीं उठाता, तो समाज को सामूहिक आंदोलन के लिए विवश होना पड़ सकता है। समापन में जैन समाज की ओर से राज्य सरकार से अपील की गई है कि वे इस विषय को गंभीरता से लेते हुए दोषियों को कड़ी सजा दिलाएं और संतों की सुरक्षा व्यवस्था को प्राथमिकता दें, जिससे भारत की प्राचीन अहिंसात्मक संस्कृति की गरिमा बनी रहे।

न्यूज़ डेस्क

"दिनेश लूनिया, एक अनुभवी पत्रकार और 'Luniya Times Media' के संस्थापक है। लूनिया 2013 से पत्रकारिता के उस रास्ते पर चल रहे हैं जहाँ सत्य, जिम्मेदारी और राष्ट्रहित सर्वोपरि हैं।
Back to top button
19:25