
जयपुर। विश्व क्षय रोग दिवस के अवसर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा अलवर जिले में आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम में टीबी उन्मूलन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाली 231 ग्राम पंचायतों के सरपंचों, प्रशासकों और ग्राम स्तरीय कार्मिकों को प्रशस्ति पत्र एवं गांधीजी की प्रतिमा भेंट कर सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम प्रताप ऑडिटोरियम में आयोजित हुआ, जहां मुख्य अतिथि के रूप में पर्यावरण एवं वन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संजय शर्मा ने शिरकत की।
कार्यक्रम में टीबी उन्मूलन अभियान की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए संजय शर्मा ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रारंभ किए गए टीबी मुक्त भारत अभियान का उद्देश्य देश को क्षय रोग से पूर्णतः मुक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि इस अभियान में सबसे बड़ी भूमिका समाज की है और ‘टीबी हारेगा देश जीतेगा’ का लक्ष्य तभी पूरा हो सकता है, जब आमजन, जनप्रतिनिधि और स्वास्थ्य विभाग मिलकर सामूहिक प्रयास करें।
उन्होंने कहा कि टीबी रोगियों की पहचान कर उनका समय पर इलाज सुनिश्चित करना, उन्हें पोषण सहायता देना और निक्षय मित्र बनकर सहयोग करना हर सक्षम व्यक्ति का दायित्व है। उन्होंने चिकित्सकों और स्वास्थ्य विभाग के सभी कार्मिकों से सरकार की मंशानुसार कार्य करने का आह्वान किया और कहा कि टीबी मुक्त भारत का सपना तभी साकार होगा जब जमीनी स्तर पर लोग सक्रिय रूप से जुड़ेंगे।
इस अवसर पर संजय शर्मा ने वर्ष 2023 में टीबी मुक्त घोषित की गई जिले की 231 ग्राम पंचायतों के सरपंचों, प्रशासकों और ग्राम स्तरीय कार्मिकों को प्रशस्ति पत्र और गांधीजी की प्रतिमा भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने इस उपलब्धि को सामूहिक प्रयासों का परिणाम बताया और सभी को बधाई दी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी योगेन्द्र शर्मा ने बताया कि राज्य स्तर पर संचालित टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान के तहत वर्ष 2024 में जिले की 231 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया है। इन पंचायतों ने राज्य सरकार द्वारा निर्धारित छह प्रमुख मापदंडों को पूरा किया है, जिनमें प्रमुख रूप से –
- पंचायत क्षेत्र में सभी टीबी रोगियों की पहचान एवं उनका उपचार,
- समय पर जांच एवं पुष्टि,
- निक्षय पोषण योजना के तहत सहायता,
- जन-जागरूकता कार्यक्रम,
- समुदाय में टीबी से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना
- और टीबी उन्मूलन में समुदाय की सक्रिय भागीदारी शामिल है।
योगेन्द्र शर्मा ने बताया कि इससे पूर्व वर्ष 2023 में जिले की 30 ग्राम पंचायतों को और वर्ष 2022 में 6 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया गया था। कार्यक्रम में पूर्व में टीबी मुक्त घोषित कांस्य एवं जोग ग्राम पंचायतों को उनकी सतत उपलब्धि के लिए रजत पुरस्कार प्रदान कर विशेष रूप से सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि टीबी जैसी बीमारी पर नियंत्रण पाने के लिए समाज का जागरूक होना बेहद जरूरी है। यह रोग पूरी तरह से इलाज योग्य है और समय पर पहचान तथा उपचार से इसे खत्म किया जा सकता है।
अंत में उन्होंने आशा व्यक्त की कि भविष्य में भी जिले की सभी ग्राम पंचायतें इसी प्रकार सक्रियता से टीबी उन्मूलन में सहयोग करती रहेंगी और अलवर जिला टीबी मुक्त भारत अभियान में प्रदेश ही नहीं देश भर में अग्रणी रहेगा। संपूर्ण कार्यक्रम में जिले के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी, जनप्रतिनिधि एवं ग्राम पंचायतों के सरपंच, प्रशासक और कार्मिक उपस्थित रहे।