टुण्डी में शिलान्यास की नई परंपरा: जब मथुरा प्रसाद महतो ने दी कड़ी चेतावनी

- टुण्डी
पूर्वी टुण्डी प्रखंड स्थित महुआडाबर प्राथमिक विद्यालय में सोमवार को एक शिलान्यास कार्यक्रम ने उस समय नया मोड़ ले लिया जब टुण्डी के लोकप्रिय विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने निर्माण स्थल की अव्यवस्था पर कड़ी नाराज़गी जाहिर की। कार्यक्रम का उद्देश्य बालक-बालिकाओं के लिए डीएमएफटी फंड से बनने वाले शौचालय निर्माण कार्य का विधिवत शुभारंभ था, परंतु अव्यवस्थित व्यवस्था ने कार्यक्रम को बीच में ही रोक दिया।
विधायक महतो जैसे ही अपने समर्थकों के साथ कार्यक्रम स्थल पर पहुँचे, उन्होंने देखा कि शिलान्यास के लिए कोई समुचित टेबल-कुर्सी या व्यवस्था नहीं की गई थी। संवेदक (कॉन्ट्रैक्टर) द्वारा महज़ पत्थर के सहारे शिलापट्ट को खड़ा किया गया था, जो न केवल अव्यवस्थित बल्कि अपमानजनक प्रतीत हो रहा था।
यह दृश्य देखते ही विधायक का पारा चढ़ गया। उन्होंने मौके पर ही संवेदक को जमकर फटकार लगाई और दो टूक शब्दों में कहा, “टुण्डी में अब टेबल-कुर्सी पर होने वाले शिलान्यास कार्यक्रम की परंपरा बंद होनी चाहिए। जब तक एक सम्मानजनक और गुणवत्तापूर्ण शिलापट्ट तैयार नहीं होता, तब तक शिलान्यास की कोई आवश्यकता नहीं है।”
मथुरा प्रसाद महतो ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि जनप्रतिनिधियों के सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं होगा। उन्होंने कार्यक्रम तत्काल स्थगित कर दिया और निर्देश दिए कि पहले बेहतर शिलापट्ट का निर्माण कराया जाए, फिर कार्यक्रम को पुनः निर्धारित किया जाए।
इस अवसर पर विधायक ने महुआडाबर में शौचालय निर्माण कार्यक्रम को स्थगित करने के बावजूद, टुण्डी निवासी बबलू रजवार के घर के सामने यात्री शेड निर्माण कार्य का विधिवत फीता काटकर उद्घाटन किया। साथ ही उन्होंने बबलू रजवार की पुत्री के विवाह पर आशीर्वाद भी प्रदान किया।
आज के कार्यक्रम में विधायक मथुरा प्रसाद महतो के साथ बसंत महतो, झामुमो पूर्वी टुंडी प्रखंड अध्यक्ष गिरिलाल किस्कू, वरिष्ठ नेता ऐनुल अंसारी, मोहम्मद आज़ाद अंसारी, इशाक अंसारी, दिनेश रजक, रफीक अंसारी, मदन महतो, बंटी अंसारी, आनंद महतो, अशोक महतो, मनोज महतो समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
इस घटनाक्रम ने स्पष्ट संकेत दिया कि अब टुण्डी में सार्वजनिक कार्यों और शासकीय आयोजनों में व्यवस्था की गुणवत्ता और गरिमा से कोई समझौता नहीं होगा। मथुरा प्रसाद महतो ने जनता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और गरिमामयी प्रशासन की दिशा में एक सशक्त संदेश दे दिया है।