ठेकेदार ने भी 16 अनुपात एक के सीमेंट बालू के मिश्रण से चाहर दीवारी का किया था निर्माण
लाखों की रकम सरकारी खजाने से खर्च किए जाने के बाद गुणवत्ता पर खंड विकास अधिकारी ने नहीं दिया था ध्यान
मौत बनकर गिरी श्मशान घाट की बाउंड्री
प्रयागराज शंकरगढ़ बिकास खण्ड क्षेत्र के प्रतापपुर गांव में शमसान घाट में 3 महीना पहले लाखों रुपए की रकम खर्च करके शमशान घाट का निर्माण सरकारी योजना से कराया जा रहा था निर्माण के गुणवत्ता की देख रेख की जिम्मेदारी खंड विकास अधिकारी की थी लेकिन खंड विकास अधिकारी ने ठेकेदार से 25 प्रतिशत कमिशन वसूलकर गुणवत्ता को नजर अंदाज कर दिया जिससे ठेकेदार ने भी 16 अनुपात एक के सीमेंट बालू के मिश्रण से चाहर दीवारी का निर्माण कर दिया हल्की बारिश में शमशान घाट की बाउंड्री तेज हवा के साथ धरसाही हो गई है मौके पर तमाम लोग खड़े थे यह तो संयोग अच्छा था की बाउंड्री गिरने के वक्त लोग भाग खड़े हुए जिससे कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ है वरना श्मशान घाट की बाउंड्री गिरने के बाद मौके पर एक नया श्मशान घाट बन जाता और शमशान घाट की बाउंड्री में कितने लोग दब जाते इस बात की गिनती करना अधिकारियों के लिए मुश्किल होता एक तरफ प्रदेश की योगी सरकार भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था की बात कर रही है और उन्हीं के सरकार में खंड विकास अधिकारी तथा मुख्य विकास अधिकारी भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं ठेकेदार से लेकर ग्राम प्रधान तक शमशान घाट की बाउंड्री में हिस्सेदार बताए जाते हैं बताया जाता है कि पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान ने भी खंड विकास अधिकारी के अलावा 20 प्रतिशत अपने लिए वसूली की थी जिसके चलते मानक विहीन श्मशान घाट की बाउंड्री बनाई गई है
जो निर्माण के 3 महीने में ही धराशाई हो गई है जिससे एक बार फिर प्रयागराज में गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य पर सवाल खड़े हो गए हैं सवाल उठता है कि क्या कमीशन खोरी करने वाले खंड विकास अधिकारी के कारनामे को जिला अधिकारी प्रयागराज और मुख्य विकास अधिकारी प्रयागराज गंभीरता से संज्ञान लेकर जांच करते हुए खंड विकास अधिकारी पर मुकदमा दर्ज कराकर उनकी गिरफ्तारी करेंगे या जांच के नाम पर अधिकारियों के सरपरस्ती में सब कुछ लीपापोती होती रहेगी योगी सरकार की व्यवस्था पर यह बड़ा सवाल खड़ा है यदि मामले की निष्पक्ष तरीके से जांच हुई तो पंचायत सचिव ग्राम प्रधान और खंड विकास अधिकारी पर मुकदमा दर्ज होकर इनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित है सबसे अहम बात तो यह है कि जब शमशान घाट की चाहर दीवारी गिर जाने के बाबत खंड विकास अधिकारी से बात की गई तो वह चाहरदीवारी गिरने की बात को स्वीकार नहीं कर रहे हैं
उनका कहना है की बाउंड्री नहीं गिरी है सवाल पूछने पर वह लिखकर मांग रहे हैं जिससे उनके लापरवाही का अंदाजा लगाया जा सकता है जानकारी मिलने के बाद उनको मौके पर जाकर प्रकरण की जांच करनी चाहिए और दोषी को दंडित करना चाहिए लेकिन उन्होंने अपने कर्तव्य के प्रति गंभीर लापरवाही बरती है सवाल पूछने पर खंड विकास अधिकारी का कहना है कि तुम लोग अफवाह फैला रहे हो बाउंड्री गिरने के मामले को वह पूरी तरह से अधिकारियों के संज्ञान में नहीं लाना चाहते हैं और लीपा पोती कर मामले को दबाने के प्रयास में खंड विकास अधिकारी लगे हैं
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