NewsNational News

ताकली बांध परियोजना के तहत किसानों को आगामी रबी फसल के लिए मिलेगा पानी

जयपुर।  जल संसाधन मंत्री ने बुधवार को विधानसभा में जानकारी दी कि ताकली बांध परियोजना का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और पाइप युक्त जल वितरण प्रणाली का लगभग 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। शेष कार्य तेजी से प्रगति पर है। किसानों को आगामी रबी फसल के लिए पानी देने का प्रस्ताव है।

मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने पहले प्रस्तावित सीधे नहर से फ्लो सिंचाई के स्थान पर दबाव आधारित पाइप नेटवर्क द्वारा सिंचाई सुविधा देने का निर्णय लिया है। इस वितरण प्रणाली के लिए 12 जुलाई 2018 को कार्यादेश जारी किए गए। पहले इस परियोजना के तहत रबी सिंचाई के लिए 4432 हेक्टेयर क्षेत्र प्रस्तावित था, जिसे बढ़ाकर अब 7800 हेक्टेयर कर दिया गया है। इससे पहले जहां 31 गांवों को लाभ मिलना था, अब 33 गांवों के किसान लाभान्वित होंगे।

प्रश्नकाल के दौरान पूछे गए पूरक प्रश्नों के जवाब में मंत्री ने बताया कि परियोजना से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और पुनर्स्थापना के लिए मंत्रिमंडल की स्वीकृति के बाद भूमि अर्जन, पुनर्वासन एवं पुनर्स्थापन में उचित प्रतिकार और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 के तहत कार्रवाई की गई है। प्रभावित परिवारों को निर्मित आवास के स्थान पर 30×60 आकार के भूखंड आवंटित किए गए हैं। अब तक सात गांवों के लगभग 1376 विस्थापित परिवारों को भूखंड आवंटित कर पुनर्स्थापित किया जा चुका है।

उन्होंने बताया कि इस प्रणाली में पानी डिग्गियों में जमा किया जाएगा और वहां से पंप के माध्यम से अत्यधिक दबाव से खेतों तक पहुंचाया जाएगा। डिग्गियों में जालियां लगाई गई हैं, ताकि मलबा और कचरा पाइपलाइन में न जा सके। परियोजना के तहत पहले पांच साल तक रख-रखाव का जिम्मा संवेदक का रहेगा, इसके बाद जल उपभोक्ता संगम यह कार्य संभालेंगे।

विधायक द्वारा पूछे गए मूल प्रश्न के लिखित उत्तर में मंत्री ने बताया कि ताकली बांध परियोजना को 19 जुलाई 2006 को स्वीकृति मिली थी। इसके बाद 26 जुलाई 2011 और 14 दिसंबर 2016 को संशोधित स्वीकृतियां जारी की गईं। बांध निर्माण का कार्यादेश 29 जून 2007 को जारी हुआ था, जिसे तीन वर्षों में पूरा किया जाना था। लेकिन डूब क्षेत्र में आने वाले सात गांवों के विस्थापन में समय लगने से कार्य की अवधि 13 नवंबर 2023 तक बढ़ाई गई। अंततः 5 जून 2023 को बांध निर्माण कार्य पूरा हो गया।

नहरी तंत्र का निर्माण कार्य 12 जुलाई 2018 को शुरू हुआ था, जो वर्तमान में प्रगति पर है। अब तक परियोजना पर 275.05 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। परियोजना में सीधे नहर से सिंचाई के स्थान पर दबाव आधारित पाइप युक्त पांच जल वितरण प्रणाली विकसित की जा रही है, जिससे पाइप नेटवर्क के माध्यम से सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

इस परियोजना से 33 गांवों के 7800 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा दी जाएगी। ग्रामवार विस्तृत विवरण सदन के पटल पर प्रस्तुत किया गया।

न्यूज़ डेस्क

"दिनेश लूनिया, एक अनुभवी पत्रकार और 'Luniya Times Media' के संस्थापक है। लूनिया 2013 से पत्रकारिता के उस रास्ते पर चल रहे हैं जहाँ सत्य, जिम्मेदारी और राष्ट्रहित सर्वोपरि हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
06:16