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पुस्तकालय उत्कृष्टता के प्रतिमान केंद्र बने- प्रधानाचार्य माली

बगड़ी नगर। पुस्तकालय विद्यालय का ह्रदय है। हमारे पुस्तकालय कार्यशील व प्रभावी बन कर उत्कृष्टता के प्रतिमान केंद्र बनने चाहिए। इसमें पुस्तकालय अध्यक्ष व प्रभारी की महत्वपूर्ण भूमिका है। उक्त उद्गार शिक्षाविद् प्रधानाचार्य विजय सिंह माली ने स्थानीय जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित एक दिवसीय क्रियाशील पुस्तकालय आकलन प्रशिक्षण में व्यक्त किए।

माली ने कहा कि प्रत्येक पुस्तकालय अध्यक्ष को पुस्तकालय विज्ञान के जनक एस आर रंगनाथन के पांच सूत्र स्मरण रखने चाहिए -पुस्तके उपयोग के लिए है, प्रत्येक पाठक को उसकी वांछित पुस्तक मिले, प्रत्येक पुस्तक को उसका पाठक मिले,पाठक का समय बचाओ तथा पुस्तकालय वर्द्धनशील संस्था है।

सरस्वती पूजन व सरस्वती वंदना से प्रारंभ हुए इस प्रशिक्षण में सर्वप्रथम डाईट के डाक्टर भेराराम प्रजापत ने प्रशिक्षण के उद्देश्यों की जानकारी दी, प्रशिक्षण में पुस्तकालय अध्यक्ष सुरेश रावल, छगनलाल सुथार, मंजुला अरोडा ने अपने विद्यालय में किए जा रहे नवाचारों की जानकारी दी। दक्ष प्रशिक्षक प्रधानाचार्य विजय सिंह माली ने अपने विद्यालय के पुस्तकालय को क्रियाशील व प्रभावी बनाने के टिप्स बताए व कार्य योजना तैयार करना सिखाया। नेमीचंद,विक्रम मोबारशा, विश्वजीत पुरी गोस्वामी ने रचनात्मक सुझाव दिए।इस प्रशिक्षण में पाली जिले के रोहट, पाली, सोजत, रानी, बाली ब्लाक के 35 पुस्तकालय अध्यक्ष व पुस्तकालय प्रभारियों ने भाग लिया।

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