बीड़ा का माता (झातला माँ) भक्तों के रोगों से मुक्ति दिलाती
भक्तों के मन में माँ के प्रति आस्था, भक्तीरस, विश्वास झलकता

गुरलाँ क्षेत्र के कोचरिया ग्राम पंचायत के सालमपुरा के जंगल में दैवीय शक्ति झांतला माता के दर्शन लाभ से ही रोगी रोग से मुक्त हो जाता है यह स्थान बहुत पुराना व चमत्कारी है यह एक शक्ति पीठों के अन्तर्गत यह स्थान भी आता है।
जन जन की आस्था का केंद्र है इसे क्षेत्र के स्थानीय लोग बीड़ा की माता जी के नाम से भी जानते हैं यहाँ आस्था, भक्तिरस, विश्वास माता के लिए भक्तों में मिलती है। यह बहुत चमत्कारी देवी है यहाँ शारीरिक बीमारी से शीघ्र स्वास्थ्य लाभ मिलता है यहाँ शनिवार, रविवार एवं नवरात्रि में भक्तों की भीड़ बनीं रहतीं है लकवा ग्रसित लोग माता के परिक्रमा में रहने से ठीक हो जातें हैं।
नगर निगम के अन्तर्गत आता है स्थान
सडक, लाईट, पेयजल उपलब्ध नगर परिषद् कराता है माता के भक्तों ने कहा कि मन्दिर परिसर से रोड़ लाइट व सड़क के किनारे पर पुर वाले रास्ते पर, दरीबा सडक तक पांच पांच स्ट्रीट लाइट के खम्बे लगा कर रोड लाईट होनी चाहिए व सडक किनारे पर अग्रेजी बबूल व झाडियाँ जो सडक पर आ रहें हैं उन्हें हटया जाये जिससे आने जाने वाले भक्तों को नुकसान से बचाया जा सकता है वाहनों के क्रोसिंग में सुविधा हो सकें ।
भक्तों ने सड़क मरम्मत की मांग की
सालमपुरा-दरीबा लिंक रोड़ से माता के मन्दिर तक सड़क पर ककरीट, खड्डे श्रद्धालुओं के लिए परेशानी का कारण बन रहे भक्तों ने 1.5 किमी सड़क की मरम्मत की मांग की। माता के दरबार में पहुचने के लिए हाइवे 758 के कोचरिया चौराहे से 8 किमी व पुर से 5 किलोमीटर दूर और दरीबा से 3 किलोमीटर दूर स्थित है। आने वाले समय में बुलट ट्रेन प्रोजेक्ट का भीलवाड़ा स्टेशन इस क्षेत्र में ही होगा ।
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