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बेटी के स्कूल एडमिशन से शुरू हुआ प्यार और ब्लैकमेलिंग का हैरान कर देने वाला मामला

बेंगलुरु: प्यार और धोखे की यह चौंकाने वाली कहानी कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से सामने आई है, जहां एक शिक्षक और एक व्यापारी पिता के बीच हुआ प्रेम प्रसंग आखिरकार ब्लैकमेलिंग और गिरफ्तारी तक पहुंच गया। इस अनोखे मामले में शिक्षक ने अपने ही छात्रा के पिता को प्रेमजाल में फंसाकर उनसे पैसे ऐंठने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। आइए जानते हैं इस घटना की पूरी कहानी।

कैसे शुरू हुई यह प्रेम कहानी?

बेंगलुरु के एक निजी स्कूल में पढ़ने वाली एक 5 वर्षीय बच्ची के पिता सतीश (बदला हुआ नाम), जो एक सफल व्यापारी हैं, ने 2023 में अपनी बेटी का स्कूल में दाखिला कराया। एडमिशन प्रक्रिया के दौरान उनकी मुलाकात स्कूल की शिक्षिका श्रीदेवी रुदागी से हुई। शुरुआती बातचीत के बाद दोनों के बीच दोस्ती गहरी होती चली गई और जल्द ही यह रिश्ता प्रेम में बदल गया।

जल्द ही दोनों ने एक अलग मोबाइल नंबर और सिम कार्ड के जरिए संपर्क बनाए रखना शुरू कर दिया। वे अक्सर वीडियो कॉल और निजी मुलाकातों में व्यस्त रहने लगे। इस प्रेम कहानी ने तब खतरनाक मोड़ लिया जब श्रीदेवी ने सतीश को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया।

ब्लैकमेलिंग की शुरुआत

जनवरी 2025 में श्रीदेवी ने सतीश से 15 लाख रुपये की मांग की। जब सतीश ने पैसे देने से इनकार किया, तो शिक्षिका उनके घर तक पहुंच गई और उधार के बहाने 50,000 रुपये लेने लगी। यह सिलसिला यहीं नहीं रुका।

सतीश अपने परिवार के साथ गुजरात शिफ्ट होना चाहते थे, लेकिन इसके लिए उन्हें अपनी बेटी के स्थानांतरण प्रमाणपत्र (ट्रांसफर सर्टिफिकेट) की आवश्यकता थी। मार्च की शुरुआत में जब वह यह सर्टिफिकेट लेने स्कूल पहुंचे, तो वे खुद को एक भयावह स्थिति में फंसा हुआ पाया।

बनाया शिकार, मांगे 20 लाख रुपये

जब सतीश स्कूल पहुंचे, तो उन्हें शिक्षिका श्रीदेवी के ऑफिस में बुलाया गया। वहां पहले से ही दो अन्य लोग, गणेश काले और सागर, मौजूद थे। उन्होंने सतीश को धमकाते हुए उनके और श्रीदेवी के आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो दिखाए। इसके बदले उन्होंने 20 लाख रुपये की मांग की और चेतावनी दी कि यदि पैसे नहीं दिए गए, तो ये तस्वीरें और वीडियो उनके परिवार को भेज दिए जाएंगे।

बातचीत के दौरान किसी तरह सतीश ने 15 लाख रुपये देने की बात तय की। फिर 17 मार्च को श्रीदेवी ने उन्हें फोन कर भुगतान की याद दिलाई। इस रकम में से 5 लाख रुपये एक पूर्व पुलिस अधिकारी के लिए, 1-1 लाख रुपये सागर और गणेश काले के लिए, और शेष 8 लाख रुपये खुद श्रीदेवी के लिए तय किए गए थे।

पुलिस ने ऐसे पकड़ा आरोपियों को

इस लगातार ब्लैकमेलिंग से तंग आकर सतीश ने हिम्मत जुटाकर पुलिस से संपर्क किया। इसके बाद बेंगलुरु पुलिस की केंद्रीय अपराध शाखा (CCB) ने एक जाल बिछाया और सतीश से ब्लैकमेलर को पैसे देने के बहाने मिलने के लिए कहा। जैसे ही सतीश ने आरोपियों को पैसे देने की कोशिश की, पुलिस ने श्रीदेवी, सागर और गणेश काले को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

आरोपियों पर क्या कार्रवाई हुई?

गिरफ्तारी के बाद तीनों आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस इस मामले में और गहराई से जांच कर रही है कि कहीं अन्य लोगों को भी इस गिरोह ने इसी तरह ब्लैकमेल तो नहीं किया।

सबक और चेतावनी

यह मामला समाज में बढ़ती डिजिटल धोखाधड़ी और ब्लैकमेलिंग के खतरों को उजागर करता है। निजी मामलों को गोपनीय रखना और सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है। यह घटना उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो निजी रिश्तों को जल्दबाजी में आगे बढ़ाते हैं और फिर ब्लैकमेलिंग का शिकार हो जाते हैं। इस तरह के मामलों से बचने के लिए सावधान रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत पुलिस को सूचना दें।

न्यूज़ डेस्क

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