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गौ-आश्रय स्थलों की व्यवस्थाओं को लेकर जिलाधिकारी ने की कड़ी कार्यवाही, सुधार हेतु दिए सख्त निर्देश


  • देवेश पाण्डेय, प्रयागराज

प्रयागराज के जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार मांदड़ की अध्यक्षता में गुरुवार को सर्किट हाउस सभागार में गौ-आश्रय स्थलों में निराश्रित गोवंशों को आवश्यक सुविधाएं एवं व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के संबंध में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में विभिन्न गौशालाओं की स्थिति की समीक्षा की गई और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की गई।

ग्राम भटौती गौ-आश्रय स्थल में पाई गई गंभीर लापरवाही

मेजा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले ग्राम भटौती स्थित गौ-आश्रय स्थल में अव्यवस्था और अनियमितताएं पाए जाने पर जिलाधिकारी ने तत्काल प्रभाव से निम्नलिखित कार्यवाही करने के निर्देश दिए:

  • ग्राम सचिव को निलंबित किया गया।
  • ग्राम प्रधान का खाता फ्रीज कर दिया गया।
  • वर्तमान गौपालक को हटाकर नया गौपालक नियुक्त करने का आदेश।
  • चौकीदार की सेवा समाप्त की गई।
  • खंड विकास अधिकारी, उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, तथा एडीओ पंचायत को प्रतिकूल प्रविष्टि देने तथा एक वेतन वृद्धि रोके जाने के निर्देश।

व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने की अंतिम तिथि – 8 जून

जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया कि 8 जून तक सभी गौ-आश्रय स्थलों में आवश्यक सुविधाएं पूर्ण रूप से सुनिश्चित कर ली जाएं। इसके बाद यदि किसी भी स्थल पर कोई कमी पाई जाती है, तो खंड विकास अधिकारी, पशुचिकित्साधिकारी, एवं एडीओ पंचायत की सामूहिक जिम्मेदारी तय करते हुए उनके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

गौ-आश्रय स्थलों हेतु निर्देशित व्यवस्थाएं

1. बाड़ेबंदी और संरचना:

  • स्थायी गौशालाओं में पक्की चारदीवारी, अस्थायी में जालीदार बैरिकेटिंग अनिवार्य।
  • सभी गौशालाओं में गेट और शेड की व्यवस्था अनिवार्य।
  • अधिक संख्या में गौवंश होने की स्थिति में अस्थायी शेड की भी व्यवस्था की जाए।

2. भोजन एवं आहार व्यवस्था:

  • चुनी-चोकर, भूसा, और हरा चारा की मात्रा मानक अनुसार निर्धारित कर दी जाए।
  • इनकी मात्रा एवं वितरण समय का विवरण पेंट कर गौशाला में दर्शाया जाए।
  • सभी सामग्री भंडार गृह में पर्याप्त मात्रा में रखी जाए तथा समय पर गोवंश को उपलब्ध कराई जाए।

3. स्वास्थ्य एवं देखरेख:

  • बीमार पशुओं को अन्य पशुओं से अलग रखा जाए।
  • सभी पशुओं का उचित उपचार, दवा की उपलब्धता, टीकाकरण, एवं ईयर टैगिंग अनिवार्य।
  • मृत गोवंश का विधिवत अंतिम संस्कार किया जाए।

4. मानिटरिंग एवं अभिलेखीयकरण:

  • सभी गौशालाओं में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, जिनकी निगरानी जिला स्तर से की जाएगी।
  • प्रत्येक गौशाला के पशु की संख्या, आवंटित चारा, स्वास्थ्य रिपोर्ट, आदि का अभिलेखीयकरण किया जाए।

5. बाढ़ सुरक्षा एवं चौकीदार की नियुक्ति:

  • वर्षा ऋतु में संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की पहचान कर प्रमाण पत्र लिया जाए।
  • किसी गौशाला में जल भराव की स्थिति में संबंधित वीडीओ पर कार्रवाई की जाएगी।
  • प्रत्येक गौशाला में चौकीदार की अनिवार्य नियुक्ति की जाए।

6. हरा चारा उत्पादन एवं आपूर्ति:

  • जहां भूमि उपलब्ध हो, वहां हरे चारे की बोआई कराई जाए।
  • जहां यह संभव न हो, वहां साइलेज की व्यवस्था की जाए।
  • बाजार से हरे चारे की खरीद भी आवश्यकतानुसार की जाए।

नोडल अधिकारी की नियुक्ति

जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि हर गौशाला पर प्रत्येक सप्ताह एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाए, जो वहां की वास्तविक व्यवस्थाओं की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। इसके लिए पशुचिकित्सकों की सुनियोजित तैनाती की जाए ताकि सभी गौशालाओं की नियमित निगरानी संभव हो सके।

बैठक में उपस्थित अधिकारीगण

इस महत्वपूर्ण बैठक में जिलाधिकारी के साथ मुख्य विकास अधिकारी हर्षिका सिंह, जिला विकास अधिकारी भोलानाथ कनौजिया, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डॉ. शिवनाथ, जिला पंचायतीराज अधिकारी श्री रविशंकर द्विवेदी, एवं अन्य संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

जिलाधिकारी की इस बैठक ने स्पष्ट कर दिया है कि गौ-आश्रय स्थलों की लापरवाहियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासनिक जवाबदेही तय करते हुए कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई का संदेश पूरे जिले में दिया गया है। यह पहल गौ-सेवा की दिशा में एक मजबूत एवं उत्तरदायी प्रशासनिक कदम है।

न्यूज़ डेस्क

"दिनेश लूनिया, एक अनुभवी पत्रकार और 'Luniya Times Media' के संस्थापक है। लूनिया 2013 से पत्रकारिता के उस रास्ते पर चल रहे हैं जहाँ सत्य, जिम्मेदारी और राष्ट्रहित सर्वोपरि हैं।

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