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भारत का पहला जैन डिजिटल म्यूजियम: आधुनिकता और परंपरा का संगम

विक्रम बी राठौड़
रिपोर्टर

विक्रम बी राठौड़, रिपोर्टर - बाली / मुंबई 

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पुणे। भारत के सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास को संरक्षित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम के तहत देश का पहला जैन डिजिटल म्यूजियम, अभय प्रभावना म्यूजियम एंड नॉलेज सेंटर, अब दर्शकों के लिए खोल दिया गया है। यह भव्य केंद्र मुंबई-पुणे राजमार्ग पर पारवड़ी क्षेत्र में स्थित है और इसे तैयार करने में 12 वर्षों का समय और लगभग 400 करोड़ रुपए की लागत लगी है।

म्यूजियम की भव्यता और अनोखी संरचना

इस विशाल म्यूजियम का निर्माण पुणे से लगभग 45 किमी की दूरी पर इंद्रायणी नदी के किनारे किया गया है। यह स्थल 2200 वर्ष पुरानी पीली जैन गुफाओं के समीप स्थित है और 50 एकड़ भूमि पर फैला है। म्यूजियम का मुख्य भवन लगभग 3.5 लाख वर्गफीट क्षेत्र में बना है, जिसमें जैन धर्म के दर्शन और इतिहास को प्रदर्शित करने के लिए आधुनिक डिजिटल तकनीकों का उपयोग किया गया है।


विशेष आकर्षण

  • चित्तौड़गढ़ दुर्ग की जैसलमेर के पत्थरों से बनी भव्य प्रतिकृति।
  • 30 से अधिक विशेष रूप से डिज़ाइन की गई दर्शक दीर्घाएं।
  • लगभग 350 से अधिक कलाकृतियां, मूर्तियां और प्रतिकृतियां।
  • जैन धर्म और आधुनिक तकनीक का अनूठा संगम

अभय प्रभावना म्यूजियम को विशेष रूप से जैन धर्म के दर्शन, इतिहास और मूल्यों को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से डिज़ाइन किया गया है। इसमें आधुनिक डिजिटल तकनीकों का उपयोग कर जैन धर्म की गहन शिक्षाओं और उनके सांस्कृतिक महत्व को प्रस्तुत किया गया है।

प्रत्येक दर्शक दीर्घा में जैन धर्म की शिक्षाओं और उनके मूल्यों को डिजिटल रूप में समझाने की व्यवस्था है।

क्यूरेटेड इंस्टॉलेशन और कला की अद्भुत कारीगरी से म्यूजियम की भव्यता और बढ़ जाती है।

यह स्थान न केवल धार्मिक बल्कि शैक्षिक और सांस्कृतिक महत्व का भी केंद्र है।

सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण

म्यूजियम का उद्देश्य जैन धर्म की समृद्ध परंपराओं और उनके योगदान को भावी पीढ़ियों तक पहुंचाना है। इसके अलावा, यह केंद्र पर्यटकों को जैन धर्म और भारतीय संस्कृति के गहरे संबंध को समझने का अवसर प्रदान करता है।

पर्यटकों के लिए विशेष अनुभव

म्यूजियम के निर्माण में न केवल इतिहास और धर्म का ध्यान रखा गया है, बल्कि यहां आने वाले दर्शकों के लिए एक अद्वितीय अनुभव सुनिश्चित किया गया है। डिजिटल और इंटरएक्टिव माध्यमों का उपयोग इसे और अधिक आकर्षक बनाता है।

स्थान और पहुंच

यह म्यूजियम मुंबई और पुणे के बीच स्थित है, जिससे यह आसानी से पहुंचा जा सकता है। मुंबई-पुणे राजमार्ग पर स्थित होने के कारण यह देशभर से आने वाले पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बन गया है।

पता: पारवड़ी क्षेत्र, मुंबई-पुणे राजमार्ग, पुणे (45 किमी दूर)।

नवीनता और परंपरा का मिलन

अभय प्रभावना म्यूजियम एंड नॉलेज सेंटर आधुनिक तकनीक और परंपरागत मूल्यों का एक अद्भुत मेल है। यह केंद्र न केवल जैन धर्म के अनुयायियों के लिए बल्कि इतिहास, कला और संस्कृति में रुचि रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए प्रेरणा और शिक्षा का स्रोत बनेगा।

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