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मेवी खुर्द के विद्यालय में तंवर परिवार द्वारा निर्मित प्याऊ का उद्घाटन

दानशीलता की भावना व्यक्ति को उदार बना देती हैं- मेघवाल

  • देसूरी 17 अक्टूबर।

पनोता ग्राम पंचायत अंतर्गत मेवी खुर्द स्थित महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में गुरुवार प्रातः 11 बजे बाबा रामदेव शीतल जल गृह प्याऊ का उद्घाटन समारोह संपन्न हुआ।

यह शीतल जल गृह श्रीमती छगनीदेवी धर्म पत्नी डूगाराम तंवर व उनके पुत्र नारायण लाल, सुखाराम, भंवरलाल, देवाराम तंवर परिवार निर्मित करवाया गया।

कार्यक्रम का मुख्य आतिथ्य करते हुए पूर्व मंत्री अचलाराम मेघवाल ने तंवर परिवार द्वारा परोपकार की भावना से कराए गए इस पुनीत कार्य की मुक्तकंठ से सराहना करते हुए कहा कि दानशीलता की सात्त्विक भावना जिस पुरुष के अन्तःकरण में प्रवेश करती है, उसे उदार बना देती है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता सरपंच श्रीमती मूमल ने की। कार्यक्रम में पूर्व जिला परिषद सदस्य प्रमोद पाल सिंह मेघवाल, श्री मारवाड़ मेघवाल सेवा संस्थान के अध्यक्ष महेंद्र लोंगेशा ने प्याऊ निर्माण का दानशीलता का उत्कृष्ट उदाहरण बताया।

कार्यक्रम में प्रधानाध्यापक आदाराम व स्टाफ ने दानदाता परिवार व अतिथियों का स्वागत व सम्मान किया। विद्यालय की बालिकाओं ने स्वागत गीत सहित सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।

‘ये रहे मौजूद’

उद्घाटन समारोह में एसडीएम कार्यालय से राजेश दवे, पनोता पीईईओ निम्बाराम, घाणेराव पीईईओ गोमाराम मीणा, ठाकुर हुकुमसिंह ,जीवनसिंह बाग़ सिंह, रावतसिंह, रंगनाथ देवासी, केसाराम, मगाराम सोनल, भीमाराम सोलंकी, सोहन, मदन परिहार, बस्तिमल सोनल, चुन्नीलाल लोंगेशा, गेनाराम नाड़ोल, किकाराम पनोता, श्री मारवाड़ मेघवाल सेवा संस्थान के पदाधिकारी रमेश भाटी,भूराराम मोबारसा, सुरेश भाटी, शिक्षक नेता उदाराम मकवाना, मदनलाल, भंवरलाल कोलर, चम्पालाल लोंगेशा, नारायण लाल लोंगेशा सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिकों और विद्यालय के विद्यार्थियों की गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम में विद्यालय परिवार, एसएमसी और ग्रामवासियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। संचालन शिक्षक तेजकरण परिहार ने किया।

‘बाबा रामदेव के नाम से जलगृह स्थापित’

शीतल जल गृह के निर्माण का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में आने-जाने वाले लोगों को स्वच्छ और ठंडा पानी उपलब्ध कराना है। इसे लोक देवता बाबा रामदेव के प्रति आस्था स्वरूप स्थापित किया गया है। जो सेवा और परोपकार की भावना का प्रतीक है।

विद्यालय और ग्रामवासियों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे छात्र-छात्राओं,ग्रामीणों एवं राहगीरों को लाभ मिलेगा और यह एक प्रशंसनीय कदम है।

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