राजस्थान में अरावली संरक्षण को लेकर उग्र आंदोलन, उदयपुर में पुलिस से भिड़े प्रदर्शनकारी, कई लोग हिरासत में

उदयपुर। अरावली पर्वतमाला के संरक्षण को लेकर प्रदेशभर में विरोध के स्वर तेज हो गए है। अरावली बचाओ अभियान के तहत उदयपुर, जोधपुर, सीकर सहित कई जिलों में सोमवार को लोगों ने कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। उदयपुर में कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हो गई।
उदयपुर में कांग्रेस, करनी सेना कार्यकर्ता सहित कई संगठनों के लोग कलक्ट्रेट पर अरावली बचाने के लिए एकजुट हुए। तभी कांग्रेस जिला अध्यक्ष फतेह सिंह राठौड़ की पुलिस कर्मियों से बहस हो गई। जिस पर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की की नौबत आ गई। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की। यहां पुलिस ने कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश को वापस लेने की मांग
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को वापस लिया जाए। वरना उग्र प्रदर्शन किया जाएगा। लोगों का कहना है कि अरावली को केवल ऊंचाई के आधार पर परिभाषित करना वैज्ञानिक और पर्यावरणीय दृष्टि से उचित नहीं। यह भी कहा कि यदि 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली पहाड़ियों को संरक्षित नहीं किया गया तो उससे सटी ऊंची पहाड़ियों का अस्तित्व भी खतरे में पड़ सकता है, जिससे पूरी पर्वतमाला के क्षरण की स्थिति बन सकती है।
इधर, राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
उदयपुर. अरावली पर्वतमाला के निरंतर क्षरण और इसकी परिभाषा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में लंबित विवाद पर ठोस और दीर्घकालिक निर्णय की मांग करते हुए सामाजिक संगठन ‘नेशन फर्स्ट’ ने राष्ट्रपति, प्रधान न्यायाधीश, प्रधानमंत्री, केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री तथा राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली और गुजरात के मुख्यमंत्रियों को पत्र भेजा है। सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन उस व्याख्या पर चिंता जताई है, जिसमें 100 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों को ही अरावली मानने का दृष्टिकोण सामने आया है।













