रानी: ब्रह्मा कुमारी आत्मज्योति भवन में खेल दिवस सम्मान समारोह, 135 खिलाड़ियों को किया गया सम्मानित

रानी, भरत जीनगर। रानी मेन बाजार स्थित ब्रह्मा कुमारी आत्मज्योति भवन में रविवार को खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से खेल दिवस सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस भव्य समारोह में रानी क्षेत्र के 135 खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, जिसके बाद अतिथियों का पारंपरिक तरीके से माल्यार्पण और स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया गया।
प्रमुख अतिथि एवं वक्ता
समारोह में बी.के. वर्षा दीदी (वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका, माउंट आबू म्यूजियम) और डॉ. जगवीर सिंह (राष्ट्रीय संयोजक, स्पोर्ट्स विंग, माउंट आबू) मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे।
इसके अलावा क्षेत्रीय प्रशासन एवं खेल विभाग से कई सम्माननीय अतिथियों ने शिरकत की:
- लेहरूदास रांकावत – पाली स्पोर्ट्स
- भंवरलाल विश्नोई – एस.डी.एम., रानी
- मनोहर सिंह – तहसीलदार
- भवानी सिंह मेड़तिया – शिक्षा विभाग, रानी
- सलीम पठान – राष्ट्रीय फुटबॉल रेफरी एवं कोच
सभी अतिथियों ने युवाओं को खेलों के प्रति प्रेरित किया और खेल को जीवन का अहम हिस्सा बताया।

ब्रह्मा कुमारी बहनों का मार्गदर्शन
बी.के. सोनू दीदी ने “आत्मज्योति ज्ञान” पर प्रकाश डालते हुए कहा कि खेल से न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और आत्मिक ऊर्जा भी मिलती है।
बी.के. ममता दीदी ने युवाओं को खेलों में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि आज की पीढ़ी को खेलों में विशेष रुचि लेनी चाहिए।
खिलाड़ियों को मिला सम्मान
कार्यक्रम में 135 खिलाड़ियों को स्मृति चिन्ह, उपहार बैग और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। ये पुरस्कार भामाशाह जुगराज तिलोकचंद मुठलिया (रानी गांव, मुंबई) की ओर से प्रदान किए गए।
उनकी ओर से आए प्रतिनिधि ललित वैष्णव रामावत का भी माल्यार्पण व स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया।
अन्य गणमान्य अतिथि
कार्यक्रम में अन्य विशिष्ट अतिथियों में नाथूसिंह, खीमराज, रेणुका राजपुरोहित, और ताज मोहम्मद की उपस्थिति रही।
समापन एवं संचालन
कार्यक्रम का संचालन मदनसिंह राजपुरोहित ने किया, जबकि समापन अवसर पर बी.के. सोनू दीदी ने सभी अतिथियों, खिलाड़ियों और उपस्थितजनों का आभार प्रकट किया।
यह आयोजन न केवल क्षेत्रीय खिलाड़ियों को सम्मानित करने का माध्यम बना, बल्कि समाज में खेलों के महत्व को उजागर करने का एक सफल प्रयास भी सिद्ध हुआ।