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सरस्वती विद्या मंदिर की गतिविधि : शिशु नगरी बाल मेला का आयोजन

विद्यालय में शिशु बाल मेला में बच्चों को व्यावारिक ज्ञान में समर्थ बनाने का सशक्त प्रयास हुआ, विद्यालय में शिशु बाल मेला का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों को गृह संसार की वस्तुओं से जुड़े व्यावारिक ज्ञान में समर्थ बनाने का संकल्प पूरा हुआ है।।

3 फरवरी शनिवार को सरस्वती शिशु मंदिर, जवारियां बास सादड़ी में शिशु नगरी बाल मेला का आयोजन विद्यालय की ओर से किया गया.

  • यह मेला विद्यार्थियों को अधिक से अधिक ज्ञान प्रदान करने के साथ-साथ, उनकी सामाजिक कौशल और विकास को बढ़ावा देने का भी एक अच्छा प्लेटफॉर्म प्रदान करता है।
  • इस क्रियाकलाप ने बच्चों को सीखने के लिए एक नए तरीके से प्रेरित किया है और उन्हें व्यावारिक ज्ञान में सकारात्मक परिवर्तन की सीधी दिशा में बढ़ावा दिया है।

मेले में बच्चों के लिए व्यावारिक ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए विशेष दुकानें स्थापित की गईं, इससे बच्चे न केवल वस्तुओं को पहचानने का अभ्यास कर सकते हैं, बल्कि उन्हें उनके उपयोग और महत्व के बारे में भी सीख मिलती है।

सरस्वती शिशु वाटिका जवारियों का बास सादडी में शिशु वाटिका के बालकों द्वारा शिशु वाटिका पद्धति से शिक्षण की 12 व्यवस्थाओं का प्रदर्शन करते हुए शिशु नगरी व बाल मेंला का आयोजन किया गय़ा।

कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रेम जैसानी, पूर्व भाजपा मंडल अध्यक्ष एवं पार्षद अधिवक्ता संजय बोहरा, विशिष्ट अतिथि बाबुलाल जाट, मुख्य वक्ता व आदर्श शिक्षण संस्थान बाली के अध्यक्ष गिरिजानन्दन तोबनीवाल, व्यवस्थापक नारायण लाल लोहार, जिला सचिव सुरेश कुमार मालवीय ने माँ सरस्वती, ऊँ , भारतमाता के समक्ष दीप प्रज्वलन व सरस्वती वन्दना के साथ बाल मेला का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में पधारे अतिथिय़ों का घोष वादन के साथ अगवानी कर भव्य स्वागत किया गया।

 

मेला के मुख्य वक्ता गिरिजानन्द तोषनीवाल जिला अध्यक्ष विद्याभारती शिक्षण संस्थान जिला बाली ने नई शिक्षा नीति के उपर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम को संबोधित किया।  मुख्य अतिथि जैशानी ने बताया कि इस नई शिक्षा नीति से छोटे-छोटे बालको को आसानी से समझ में आयेगा और अध्यक्ष बोहरा ने बताया कि विद्या भारती विद्यालय ही राष्ट्र की ऐसी संस्था है जहां राष्ट्रभक्तों का संस्कारमय निर्माण होता है। इससे पूर्व प्रधानाचार्या श्रीमती उमा गौड़ ने अतिथियो का परिचय करवाया।

 

शिशु भैया बहिनों ने विज्ञान प्रयोगशाला में विज्ञान के प्रयोग, कला शाला, चित्रपुस्तकालय, चिडिया घर, तरण ताल, आदर्श घर, रंगमंच पर गीत कविता भजन की प्रस्तुति क्रीडांगन वस्तु संग्रहालय तथा विविध समाज के व्यावसायिक. कार्यों का प्रदर्शन प्राचीन भारतीय सभ्यता संस्कृति से ओत प्रोत भारतीय खानपान व वेश भूषा के प्रदर्शन के साथ गन्ना वस्तु वस्तुओं, साहित्य मेला परंपरा अनुसार खाद्य सामग़्री चार / चणा मसाला की बिक्री कीI बाल मेला में सैकड़ों अभिभावकों, ग्रामीण व नागरिक महिलाय़ों पुरुषों ने प्रदर्शन देखकर प्रसन्नता व्यक्त कर राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली के अनुसार शिशु वाटिका में हों रहे शिक्षण को समझा बाद में चाट, पानी पुरी, मेल पुरी का आनन्द लिय़ा।

सरस्वती शिशु वाटिका में बाल मेला में पधारे हुए सभी मेहमानों का आभार विद्या भारती समिति के व्यवस्थापक नारायण लाल लोहार ने किया। गुड्डी सुथार ने मंच संचालन किया। सरस्वती विद्या मन्दिर माध्यमिक, शिशु मन्दिर, शिशु निकेतन के सभी आचार्य़ों प्रभारियों व भैया बहिनों की हर्ष भरी सहभागिता रहीं।

इस अवसर पर विद्याभारती जिला सदस्य दिनेश त्रिवेदी, जिला सचिव सुरेश कुमार मालवीय, प्रधानाचार्य मनोहर लाल सोलंकी, सुनील दाधीच, श्रीमती विद्या दीदी, श्रीमती गुड्डी दीदी, प्रताप सिंह, भेराराम मेघवाल, मुकेश सवनंशा, दुदाराम मेघवाल उपस्थित थे।

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