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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: अब RTI के जवाब ई-मेल और ऑनलाइन माध्यम से देने होंगे

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने देश के सभी उच्च न्यायालयों को तीन महीने के भीतर ऑनलाइन आरटीआई पोर्टल स्थापित करने का निर्देश दिया है।


यह निर्णय सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम, 2005 की धारा 6(1) के तहत नागरिकों को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से आवेदन करने के अधिकार को सुदृढ़ करता है। मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस आदेश में कहा कि आरटीआई आवेदकों को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से आवेदन भेजने का वैधानिक अधिकार है, और ऑनलाइन सुविधाएं आरटीआई अधिनियम के उद्देश्यों को सरल बनाएंगी।

इससे पहले, दिल्ली, उड़ीसा और मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालयों ने अपने ऑनलाइन आरटीआई पोर्टल स्थापित किए थे, लेकिन अधिकांश उच्च न्यायालयों में ऐसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद, सभी उच्च न्यायालयों को निर्देश दिया गया है कि वे तीन महीने के भीतर अपने-अपने ऑनलाइन आरटीआई पोर्टल स्थापित करें।

इसके अतिरिक्त, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सूचना आयोगों को निर्देश दिया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि सार्वजनिक अधिकारी आरटीआई के तहत मांगी गई सूचनाएं प्रदान करें। यह आदेश आरटीआई अधिनियम की धारा 4 के तहत सार्वजनिक प्राधिकरणों के दायित्वों के संदर्भ में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए दिया गया है।

यह निर्णय नागरिकों को सूचना के अधिकार के तहत ऑनलाइन माध्यम से सूचना प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा, जिससे पारदर्शिता और सुशासन को बढ़ावा मिलेगा।

Khushal Luniya

Meet Khushal Luniya – Young Tech Enthusiast, Graphic Designer & Desk Editor at Luniya Times Khushal Luniya is a Brilliant young mind who has already Mastered HTML and CSS, and is Currently diving deep into JavaScript and Python. His passion for Computer Programming and Creative Design sets him apart. Alongside being a budding Graphic Designer, Khushal is making his mark

One Comment

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