सतगुरु का सानिध्य ही मुक्ति का मार्ग: संत श्यामलाल
प्रेमप्रकाशी संत श्यामलाल ने कहा कि आज के भौतिकवादी युग में शुद्ध अंतकरण से सतगुरु का सानिध्य ही मुक्ति का एकमात्र मार्ग है।
सायंकाल में संतश्री ने स्थानीय कुमुद विहार तृतीय फैज में संत समागम में अपने प्रवचनों में भक्तों से धर्म के मार्ग पर चलकर अपना जीवन सार्थक करने का संकल्प करवाया। उन्होंने स्वामी टेऊँराम जी महाराज को समर्पित विभिन्न भजन सुनाकर सभी भक्तों को झूमने पर विवश कर दिया। उन्होंने अपने प्रवचन में गुरनानी परिवार की माता कौशल्यादेवी को उनकी सेवाओं की प्रशंसा करते हुए उनकी नवम पुण्यतिथि पर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
इस दौरान संत झामनदास व बाल संत गुलशन ने भी सुंदर भजन सुनाए। बाद में संत श्री के सानिध्य में फूलों के साथ फागोत्सव मनाया गया।
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इस दौरान इच्छापूर्णी दुर्गा माता मंदिर की पारी माता, वीरूमल पुरसानी, निर्मल चेलानी, हरिकिशन टहिल्यानी, मोहन लुधानी, कन्हैयालाल रामवानी, अशोक थधानी, फतनदास लालवानी, वर्षा रामचंदानी, ज्योति थधानी, आसनदास लिमानी, चेलाराम लखूजा, हरीश भोजवानी, गोपालदास गुरनानी, वासुदेव पमनानी, भगवान मेठानी, किशोर पारदासानी, मोहनदास गुरनानी, अम्बा लाल नानकानी, देव भोजवानी, किशोर लखवानी, दया लालवानी, हरीश मानवानी, राधा चंदानी, जितेंद्र मोटवानी, पुरुषोत्तम परियानी, निर्मल आहूजा, लीलाराम सबनानी, ज्योति गुरनानी, जितेंद्र रंगलानी, लक्ष्मणदास सबनानी, राजकुमार दरयानी व संतोष झाझानी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
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