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29 फीसदी शिक्षकों के पद खाली 71 फीसदी पर 60 तरह के गैर शैक्षिक कार्यों का बोझ

RAJASTHAN NEWS : प्रदेश में 29 फीसदी शिक्षकों के पद खाली 71 फीसदी पर 60 तरह के गैर शैक्षिक कार्यों के बोझ तले शिक्षक 

राज्य के 65 हजार से अधिक स्कूलों में 29 फीसदी शिक्षकों के पद खाली चल रहे हैं। शेष 71 फीसदी शिक्षकों को पिछले दो महीनों से 60 तरह के कामों जैसे सरकारी योजना, बीएलओ ड्यूटी सहित विभाग के अन्य अतिरिक्त काम में लगा रखा है। हालात ये हैं कि कई स्कूलों में एक भी शिक्षक पढ़ाने के लिए नहीं है। स्कूल प्रिंसिपल के भरोसे चल रहे हैं। ऐसे में बच्चों ने कक्षाओं का बहिष्कार कर दिया है। स्कूलों पर ताले लग गए हैं। साथ ही स्कूलों में बच्चे पढ़ाई के लिए भटक रहे हैं।

सवाल: चार महीनों में कैसे पूरा होगा सिलेबस

सत्र शुरू होने के बाद दो महीनों से शिक्षक अतिरिक्त काम में व्यस्त हैं। आने वाले दो महीनों में शिक्षक चुनाव में लगा दिए जाएंगे। बच्चों को पढ़ाने के लिए सिर्फ चार महीने ही बचेंगे। ऐेसे में सिलेबस कैसे पूूरा होगा ? दूसरी ओर बेहतर परिणाम नहीं आने पर विभाग शिक्षकों को नोटिस जारी करता है। सत्र 2022-23 में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर के परीक्षा परिणाम में शिक्षा विभाग के मापदंड के अनुसार परिणाम नहीं देने पर प्रदेश के 407 शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।

फैक्ट फाइल

  •  65,284 हजार स्कूल हैं प्रदेश में
  •  4,96,219 शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं राज्य में
  •  142244 शिक्षकों के पद रिक्त हैं स्कूलों में
  •  3,53,975 शिक्षक ही हैं कार्यरत स्कूलों में

यह है शिक्षकों के पदों का गणित

स्वीकृत पद एवं रिक्त पद

प्रिंसिपल 17,225                   रिक्त पद 5,735

वाइस प्रिंसिपल 12,404           रिक्त पद 12,008

व्याख्याता 55,893                 रिक्त पद 17,244

2nd ग्रेड 1,05,621              रिक्त पद 35,860

3rd ग्रेड 2,75,592               रिक्त पद 62,487

असर रिपोर्ट…

  • वर्ष 2018 में तीसरी कक्षा के 20.6 फीसदी बच्चे दूसरी कक्षा का पाठ पढ़ सकते थे, अब यह आंकड़ा गिरकर 14.2 फीसदी ही रह गया है।
  • पांचवीं कक्षा के 49.3 फीसदी बच्चे दूसरी कक्षा का पाठ पढ़ सकते थे, वर्ष 2022 में यह आंकड़ा भी गिरकर 38.2 प्रतिशत हो गया है।
  • गणित के घटाव, जोड़ व अंकों की पहचान कर पाने वाले बच्चों की संख्या में भी कमी आई हैं।

शिक्षक नेता कहिन

शिक्षक गैर शैक्षिक कार्यों के बोझ तले दबे हुए हैं। गैर शैक्षिक कार्यों में शिक्षकों की ड्यूटी लगाने से स्कूलों में पढाई बाधित हो रही हैं। शिक्षकों को गैर शैक्षिक कार्यों से अतिशीघ्र मुक्त किया जाये। यह जानकारी प्रकाश मेवाड़ा मुंडारा प्रदेश प्रवक्ता राजस्थान शिक्षक संघ राधाकृष्णन् ने दी है.

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