विनायक पब्लिक स्कूल सादड़ी में विज्ञान मेला एवं प्रदर्शनी का आयोजन

सादड़ी। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विनायक पब्लिक स्कूल, सादड़ी में विज्ञान मेला एवं विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ नगर पालिका अध्यक्ष खुमी देवी बावरी और सीबीईओ मोहनलाल बलाई ने फीता काटकर किया।
इस अवसर पर पशु चिकित्सा अधिकारी परीक्षित, दंत चिकित्सक मानसिंह भदोरिया, लिलिपुट स्कूल सुमेरपुर के आर. बी. नागराज, प्रमोद जैन, चंदन सिंह, हनवंतसिंह, एल्सी राजपुरा और वकील हीर सिंह राजपुरोहित विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने कार्यक्रम का अवलोकन किया और छात्रों की प्रस्तुति की सराहना की।
विद्यार्थियों की शानदार प्रस्तुतियां
विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने विज्ञान से संबंधित विभिन्न मॉडल, संयंत्र और चार्ट तैयार किए, जिनका अवलोकन शहर के गणमान्य नागरिकों, शिक्षाविदों और अन्य विद्यालयों के प्रधानाचार्यों व शिक्षकों ने किया। इस अवसर पर डीएमबी स्कूल सादड़ी के प्रधानाचार्य छगनलाल भाटी, मंडीगढ़ विद्यालय के प्रधानाचार्य प्रकाश मालवीय, प्रकाश मेवाड़ा, ओम, अरुण सिंह, हेमलता, नरेंद्र, प्रवीण, जोबा सहित विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राएं भी उपस्थित रहे।
विद्यालय प्रबंधन की ओर से आर. बी. विजय कुमार ने बताया कि छात्रों ने कड़ी मेहनत और शिक्षकों की सहायता से 110 प्रोजेक्ट तैयार किए। इस विज्ञान मेले में कुल 145 विद्यार्थियों ने भाग लिया और अपने वैज्ञानिक ज्ञान व रचनात्मकता का परिचय दिया।
प्रमुख आकर्षण
विज्ञान मेले में छात्रों द्वारा बनाए गए कुछ विशेष मॉडल आकर्षण का केंद्र रहे, जिनमें प्रमुख थे:
- 1. हाइड्रोलिक ब्रिज
- 2. टाइटेनिक जहाज
- 3. डीएनए मॉडल
- 4. न्यूक्लियर थर्मल स्टेशन
- 5. मिसाइल लॉन्चर
- 6. हाइड्रोलिक क्रेन
- 7. थर्मल पावर प्लांट
- 8. रेन डिटेक्टर
- 9. हृदय व मस्तिष्क की कार्यप्रणाली
- 10. आपदा प्रबंधन मॉडल
- 11. मात्रा ज्ञान परियोजना
छात्रों ने हिंदी और अंग्रेजी, दोनों भाषाओं में अपने मॉडलों की प्रस्तुति दी, जिससे उनकी बौद्धिक क्षमता और विज्ञान के प्रति रुचि स्पष्ट रूप से प्रदर्शित हुई।
नगरवासियों ने की सराहना
विज्ञान मेले में शहर के नागरिकों, अभिभावकों और शिक्षकों ने भाग लिया और छात्रों की मेहनत की सराहना की। 10 अन्य विद्यालयों के प्रधानाचार्य, शिक्षक और विद्यार्थियों ने भी प्रदर्शनी में भाग लेकर छात्रों के विज्ञान मॉडल देखे और उनकी क्षमताओं की प्रशंसा की।
इस आयोजन से न केवल छात्रों को अपनी वैज्ञानिक सोच को विकसित करने का अवसर मिला, बल्कि यह कार्यक्रम उनके आत्मविश्वास और रचनात्मकता को भी प्रोत्साहित करने वाला रहा।