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भामाशाह मंडी की व्यवस्थाएं होंगी और बेहतर: खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोदारा

जयपुर। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने विधानसभा में कहा कि प्रदेश की प्रमुख मंडियों में शामिल कोटा जिले की भामाशाह मंडी की व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि मंडी की सफाई व्यवस्था के लिए वर्ष 2024-25 में 75 लाख रुपये का बजट आवंटित किया गया था, जिसमें से जनवरी 2025 तक 49.75 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं। सफाई व्यवस्था के तहत मुख्य मंडी प्रांगण में 27 अकुशल श्रमिक ठेके पर लगाए गए हैं।

मंत्री ने यह जानकारी प्रश्नकाल के दौरान कृषि विपणन मंत्री की ओर से पूरक प्रश्नों के जवाब में दी। उन्होंने बताया कि मंडी से प्राप्त राजस्व का उपयोग संपर्क सड़कों के निर्माण, परिसंपत्तियों के रखरखाव, कर्मचारियों के वेतन, सफाई, बिजली, पानी और अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं पर किया जाता है।

इससे पहले, विधायक कल्पना देवी के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में मंत्री ने बताया कि भामाशाह कृषि उपज मंडी समिति, कोटा (अनाज) का कुल क्षेत्रफल 47.947 हेक्टेयर है। उन्होंने पिछले पांच वर्षों में मंडी में बेचे गए कृषि जिंसों के टर्नओवर का विवरण सदन में प्रस्तुत किया।

उन्होंने बताया कि राजस्थान कृषि उपज मंडी अधिनियम 1961 के तहत अधिसूचित कृषि उपजों के व्यापार पर मंडी शुल्क लगाया जाता है। किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने और आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए यह शुल्क निर्धारित किया गया है। उन्होंने मंडी शुल्क की दरों और इससे प्राप्त आय के उपयोग का पूरा विवरण सदन में प्रस्तुत किया।साथ ही, उन्होंने सदन को जानकारी दी कि मंडी प्रांगण में कार्यरत 27 अकुशल श्रमिक नियमित रूप से सफाई कार्य कर रहे हैं।

न्यूज़ डेस्क

"दिनेश लूनिया, एक अनुभवी पत्रकार और 'Luniya Times Media' के संस्थापक है। लूनिया 2013 से पत्रकारिता के उस रास्ते पर चल रहे हैं जहाँ सत्य, जिम्मेदारी और राष्ट्रहित सर्वोपरि हैं।

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