पाली में आर्य वीर दल का सात दिवसीय शिविर सम्पन्न

- पाली
बच्चों ने दिखाए अद्भुत आत्मरक्षा प्रदर्शन
आर्य वीर दल पाली द्वारा आयोजित सात दिवसीय चरित्र निर्माण एवं आत्मरक्षा शिविर का समापन रविवार को हुआ।
इस समापन कार्यक्रम में बच्चों और युवाओं ने आत्मरक्षा के विभिन्न कौशलों जैसे सूर्य नमस्कार, भूमि नमस्कार, सर्वांग व्यायाम, लाठी संचालन, तलवार संचालन, मानव पिरामिड, मलखंभ और जिम्नास्टिक जैसे प्रदर्शन कर दर्शकों और अतिथियों को चौंका दिया।
समापन समारोह में मुख्य रूप से पूर्व विधायक ज्ञानचंद पारख, पूर्व सभापति महेंद्र बोहरा, पूर्व उपसभापति मूलसिंह भाटी, राजस्थान आर्य वीर दल के संरक्षक चांदमल आर्य (जोधपुर), अध्यक्ष भंवरलाल आर्य (जोधपुर), मंत्री शिवदत्त आर्य (जालोर), सदस्य भंवरलाल हटवाल (जोधपुर) और धनराज आर्य (पाली) मौजूद रहे। आर्य वीर दल महामंदिर से प्रदीप देवड़ा और धीरज गहलोत भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
ज्ञानचंद पारख ने अपने संबोधन में कहा कि पाकिस्तान द्वारा की जा रही आतंकी घटनाओं के जवाब में भारत सरकार और सेना द्वारा चलाया गया ऑपरेशन “सिन्दूर” उचित कदम है।
उन्होंने युवाओं से राष्ट्र के लिए सदैव तैयार रहने का आह्वान किया। उन्होंने रामनवमी और महाराणा प्रताप जयंती जैसे अवसरों पर आर्य वीरों द्वारा किए गए शौर्य प्रदर्शन की सराहना की।
महेंद्र बोहरा ने कहा कि देश के स्वतंत्रता आंदोलन में आर्य समाज की भूमिका प्रमुख रही है। उन्होंने आर्य वीर दल के प्रशिक्षण को देखकर कहा कि यहां हर युवक-युवती में एक क्रांतिकारी भावना नजर आती है।
आर्य वीर दल राजस्थान के अध्यक्ष भंवरलाल आर्य ने संगठन के इतिहास और उद्देश्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इसकी स्थापना गुरुजी मदनसिंह भाईसाहब ने सेना की नौकरी छोड़कर युवाओं के शारीरिक, मानसिक और चारित्रिक विकास के लिए की थी। मंत्री शिवदत्त आर्य ने कहा कि संगठन का मूल उद्देश्य निर्बलों की रक्षा और दुराचारियों को दंड देना है।
कार्यक्रम में आर्य समाज पाली के पदाधिकारी, कार्यकर्ता और महिला आर्य समाज की ओर से अतिथियों और प्रशिक्षकों का स्वागत किया गया।
शिविर में योगदान देने वाले देवेन्द्र मेवाड़ा (संयोजक), हनुमान आर्य (संचालक), भरत कुमावत (मुख्य प्रशिक्षक), भंवर गौरी, योगेन्द्र देवड़ा, रीकू पंवार, भरतवीर सिंह, कृष्णा सिरवी, तनु आर्या और टीना आर्या को मंच पर मोमेंटो और पट्टिका भेंट कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन गणपत भदोरिया ने किया। प्रचार मंत्री घेवरचंद आर्य ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत ध्वजारोहण और ध्वजगान से हुई।
समापन में अध्यक्ष दिलीप परिहार ने शिविर की गतिविधियों पर प्रकाश डाला और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को सम्मानित किया गया।
लगभग 150 बच्चों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए, और विशेष उपलब्धियों के लिए स्मृति चिन्ह भी दिए गए। शिविर में भोजन, टेंट, साउंड, पानी, अल्पाहार जैसी व्यवस्थाओं में सहयोग देने वाले दानदाताओं को भी स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
अंत में सभी को “ऋषि प्रसाद” के रूप में सामूहिक भोजन कराया गया, जिसे सभी ने भोजन मंत्र के साथ शांतिपूर्वक ग्रहण किया।