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भगतसिंह, सुखदेव तथा राजगुरु के सपनों का भारत बनाएं

सादड़ी 23मार्च

शहीद भगत सिंह, सुखदेव तथा राजगुरु भारत माता के सच्चे सपूत थे जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करते हुए फांसी के फंदे को चूम लिया।

अब उनके सपनों का भारत बनाना हमारा कर्तव्य है। उक्त उद्गार प्रधानाचार्य विजय सिंह माली ने स्थानीय श्रीधनराज बदामिया राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में शहीद दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए।
माली ने कहा कि भगतसिंह बनना कठिन कार्य है लेकिन उनकी तरह राष्ट्र प्रथम का भाव रखने वाले व्यक्तियों की आज आवश्यकता है। उन्होंने भगतसिंह, सुखदेव व राजगुरु को नमन किया और उनके जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही।इस अवसर पर कक्षा 9की बालिका रिद्धिका त्रिपास ने माली को अपने द्वारा बनाई भगतसिंह की तस्वीर भेंट की। व्याख्याता मधुगोस्वामी ने भगतसिंह, सुखदेव राजगुरु का जीवन परिचय दिया। इससे पूर्व कविता कंवर,सरस्वती पालीवाल व सुशीला सोनी के निर्देशन में भाषण निबंध व चार्ट निर्माण प्रतियोगिता का आयोजन किया। प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली बालिकाओं को माली ने पारितोषिक देकर सम्मानित किया। वीरमराम चौधरी, रमेश कुमार वछेटा व मनीषा सोलंकी ने निर्णायक की भूमिका निभाई।मंच संचालन प्रकाश कुमार शिशोदिया ने किया।इस अवसर पर स्नेहलता गोस्वामी, प्रकाश परमार महावीर प्रसाद ,कन्हैयालाल मनीषा ओझा ,रमेश सिंह, चुन्नीलाल लोंगेशा, गजेन्द्र सिंह समेत समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।
उल्लेखनीय है कि 23 मार्च 1931 को शहीदे आजम भगतसिंह, सुखदेव व राजगुरु ने देश के खातिर हंसते हंसते फांसी का फंदा चूमा था।

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