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अंतराष्ट्रीय योग दिवस 2024 जनजाति अंचल में उमड़ा योग दिवस का उत्साही ज्वार
हर तरफ योग ही योग की गूंज दिनचर्या में योग को शामिल करने का संकल्प जताया

राजस्थान का सीमावर्ती जनजाति बहुल बांसवाड़ा जिला शुक्रवार को अंतराष्ट्रीय योग दिवस के आकर्षक एवं मनोहारी कार्यक्रमों से भरा रहा। संभाग मुख्यालय सहित शहरों, कस्बों और गांवों से लेकर दूरदराज की ढांणियों, पालों-फलों और सरहदी क्षेत्रों तक योग दिवस की जबर्दस्त गूंज बनी रही।
सभी स्थानों पर सामूहिक योगाभ्यास के कार्यक्रम हुए, जिनमें बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्गों तक ने निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार योगाभ्यास का प्रदर्शन किया। इनमें हर आयु वर्ग, तमाम श्रेणियों, वर्गों व समुदायों के लोगों ने उत्साह से हिस्सा लिया और सामूहिक योग प्रदर्शन किया और सेहत रक्षा के लिए रोजमर्रा की दिनचर्या में योग को अपनाने का संकल्प लिया।

अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर बांसवाड़ा संभाग मुख्यालय सहित जिले भर में विभिन्न स्थानों पर सामूहिक योग कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। बांसवाड़ा संभाग बनने के उपरान्त पहली बार संभाग मुख्यालय पर यह आयोजन बांसवाड़ा शहर के खेल स्टेडियम में जिला प्रशासन, नगर परिषद तथा आयुर्वेद विभाग की ओर से किया गया।
इस बार अंतराष्ट्रीय योग दिवस 2024 ‘स्वयं और समाज के लिए योग’ थीम के साथ मनाया गया। योग से मन, शरीर और समुदाय के लिए होने वाले लाभों को ध्यान में रखते हुए 21 जून को पूरा विश्व अंतराष्ट्रीय योग दिवस को आयोजन किया गया। यह केवल शारीरिक आसनों से कहीं अधिक है, क्योंकि यह स्वास्थ्य के प्रति एक समग्र दृष्टिकोण है, जो श्वास-प्रश्वास, व्यायाम, ध्यान और नैतिक सिद्धांतों को एकीकृत करता है।
अंतराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत, जिला कलक्टर डॉ. इन्द्रजीत यादव, जिला पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अग्रवाल, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त गौरव बजाड़, अतिरिक्त जिला कलक्टर अभिषेक गोयल, उपखण्ड अधिकारी प्रकाशचन्द्र रेंगर, राम स्वरूप महाराज, समाजसेवी लाभचन्द्र पटेल, नगर परिषद के सभापति जैनेन्द्र त्रिवेदी सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधिगण, शहर के गणमान्य नागरिकगण, शहरी विद्यालयों के छात्र-छात्राएं, विभिन्न संस्थाओं एवं संगठनों के प्रतिनिधि एवं पदाधिकारीगण आदि मौजूद रहे।

योगासन का कार्यक्रम निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार हुआ, जिसमें क्रमिक रूप से योगाभ्यास के अन्तर्गत विभिन्न आसनों का अभ्यास किया गया। जिसमें योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा एवं अनुसंधान केन्द्र की डॉ. तेजस्वी जैन के नेतृत्व में केवल महिलाओं के 10 सदस्यीय दल जिसमें सुनीता, माहेश्वरी, जुगनी, कल्पना, किरण, अनिता, ज्योति, रश्मि, संध्या व सुनीता द्वारा मंच एवं खेल स्टेडियम में आमजन के मध्य बने विशेष प्लेटफॉर्म पर 45 मिनट में सूक्ष्म व्यायाम, खड़े होकर किये जाने वाले ताड़ासन, वृक्षासन, पादहस्तासन, अर्धचक्रासन, त्रिकोणासन, बैठकर किये जाने वाले भद्रासन, वज्रासन, अर्द्धउष्ट्रासन व उष्ट्रासन, शशांकासन, उत्तानमण्डूकासन, वक्रासन, पेट के बल लेटकर मकरासन, भुजंगासन, शलभासन का तथा पीठ के बल लेटकर सेतुबंधनासन, उत्तानासन, अर्द्धहलासन, पवनमुक्तासन, शवासन का तथा प्राणायम अर्न्तगत कपालभांति, नाड़ी शोधन (अनुलोम-विलोम), शीतली एवं भ्रामरी का आसनसें का अभ्यास करवाया।