श्रद्धा, विवेक, क्रिया, से धर्म करें – आचार्य नरेंद्र सूरी नवल
झुंठा
झुठा- सोमवार को झुंठा में चिंतामणि पार्श्वनाथ जैन मंदिर के समीप सुधर्मा स्वामी प्रवचन मंडपम में धर्म सभा को संबोधित करते हुए अष्टप्रभावक आचार्य विजय नरेंद्र सूरी नवल ने कहा कि जहां त्रिवेणी है वहां भवतरणी है । मन में श्रद्धा हो वचन में विवेक हो और तन से शुभ क्रिया हो यही आत्म धर्म है ।
आचार्य जितेंद्र प्रभु सूरी ने कहा कि समय बीत जाता है पुनः लौटकर नहीं आता प्रमाण और उन्माद छोड़कर धर्म का अवश्य पालन करें ,मुनिराज श्री प्रसन्नचंद विजय ने संबोधित कर कहा कि अध्यात्म मार्ग में आनंद है उस परम आनंद को प्राप्त करने के लिए तप जप जरूर करें, नन्दी मुनि ने नवकार महामंत्र का पाठ करवाया,कल से श्री भक्तामर महा स्रोत पर सुबह 9:30 बजे से प्रवचन होंगे,इस धर्म सभा में गणपतराज बोहरा, मुकनराज बोहरा नव रतनमल गा दिया संपतराज चोपड़ा, राम लक्ष्मण आंचलिया, गौतम मुथा, अशोक मुथा, विजयराज बोहरा व अन्य स्थानीय निवासी व प्रवासी अनुयायी भी काफी संख्या में आ रहे है ।