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अभिनन्दनीय व्यक्तित्व भंवरलाल गुगरीयां दुदोड़ पाली का परिचय

हर व्यक्ति का अपना अतीत और भविष्य होता है कुछ लोगों का जीवन प्रेरणादायक होता है जिन्होंने अपने व्यक्तित्व परिश्रम और पुरुषार्थ से उपल्बधियां अर्जित कर समाज के सामने एक आदर्श प्रस्तुत किया है। मैं आज आपको ऐसे ही व्यक्ति का परिचय करवा रहा हूं जिसने मात्र चोथी कक्षा तक पढ़ाई करके बैंगलोर में एक प्रतिष्ठित उधोगपति बनकर मिसाल कायम की है। जबकि आज कल के स्नातक और डिग्रीधारी नौकरी के लिए भटकते देखें जा सकते हैं। उन लोगों के लिए भंवरलाल गुगरीयां का यह जीवन चरित्र प्रेरणादायक और मार्गदर्शक हो सकता है।

लेखक

घेवरचन्द आर्य पाली

भंवरलाल गुगरीयां का जन्म पाली जिले की मारवाड़ जंक्शन तहसील के दुदौड़़ गांव की धन्य धरा पर 19 नवम्बर 1960 को देवीबाई की कोख से हुआ। आपके पिताजी का नाम सोनाराम जी जांगिड़़ है। जो अपने गांव में ही प्रेतृत्व लकड़ी का कार्य करते थे। सोनाराम जी के पांच पुत्र और दो पुत्रियां है। दो पुत्र दिल्ली में और तीन बैंगलोर में व्यवसाय रत है।

भंवरलाल गुगरीयां मात्र प्राथमिक शिक्षा ही प्राप्त कर सकें 13 वर्ष की अल्पायु में महावीर इलेक्ट्रिक बेंगलूर के यहां नौकरी पर रहे। परिश्रम और ईमानदारी के साथ आपने 7 वर्ष तक एक ही जगह काम किया। बालिंग होने पर आपके पिता सोनाराम जी ने 1980 में चेलावास गांव के नेहरूराम जी की पुत्री पिस्ता देवी के साथ आपका विधिवत विवाह संस्कार कर गृहस्थ आश्रम का अधिकारी बनाया। 20 वर्ष की आयु में सन् 1980 में नौकरी छोड़कर स्वयं का व्यापार करने के लिए ब्रोकिंग का काम किया। लेकिन इस कार्य में आपको सफलता मिलती नजर नहीं आई इसलिए यह काम बंद करके 1983 में भागीदारी में स्वयं का इलेक्ट्रिक वायर का काम शुरू किया।

23 वर्ष की युवा अवस्था में आपके व्यक्तित्व और गुणों में निखार आया आपका मध्यम कद , गोल छोटा चेहरा, लेकिन उन्नत ललाट सबको मोहित करने वाले नेत्र बोलचाल में स्पष्ट उच्चारण सबके प्रति हृदय की शूद्वता जनित आन्तरिक स्नेह और निष्कपट अनुराग वाले व्यक्तित्व के धनी बने। 1990 में दिल्ली में इलेक्ट्रिक केबल बनाने की एक छोटी फैक्ट्री स्थापित कर उत्पादन आरम्भ किया। अपने गुणों और परिश्रम से उसमें सफलता अर्जित करते रहे।

भंवरलाल जी के स्वभाव का विशेष गुण सरलता सहजता उदारता संकोच शीलता सत्यनिष्ठा एवं सनातन धर्म के अनुरूप है। प्राय देखा जाता है कि लोग अपने गुणों का बखान करते हैं लेकिन वे अपने बारे में कभी कोई चर्चा नहीं करते हां दुसरो के सुख दुःख की जानकारी अवश्य प्राप्त करने वाले इस महान कर्मयोगी ने 1995 में बैंगलोर में एसबीईई केबल के नाम से दुसरी फैक्ट्री की स्थापना कर अपने व्यवसाय को विस्तार दिया। आपकी सफलता में आपकी धर्म पत्नी पिस्ता देवी का पग पग पर सहयोग रहा देवी ने हर कार्य में उत्साह वर्धन किया। जिससे आप दृढ़ संकल्प के धनी बने । कोई भी व्रत या संकल्प लेकर उसका पालन कठिन होता है लेकिन आप अपने लक्ष्य और संकल्पों पर आरूढ़ रहकर उसे पुरा करके ही संतोष करते हैं।

अखिल भारतीय जांगिड़ ब्राह्मण महासभा महासभा की एकता के लिए नेमीचंद शर्मा के कार्यकाल में जब यह लेखक महासभा का राष्ट्रीय प्रचार मंत्री था, तब आपने महाभारत के योगीराज कृष्ण की तरह निष्काम भावना महासभा की एकता के लिए सकारात्मक प्रयास किये। लेकिन दुर्भाग्यवश अचानक नेमीचंद शर्मा की कोरोनावायरस से मृत्यु हो जाने से यह प्रयास बंद करना पड़ा। बैंगलोर में समाज को संगठित करने के उद्देश्य से समाज के कुछ सम्मानित बंधुओं से मिलकर जांगिड़ समाज ट्रस्ट की नींव रखी और 27 वर्ष तक इसके अध्यक्ष रहकर एक माली की तरह उसे पुष्पित पल्लवित करते रहे। आज यह विशाल वटवृक्ष का रूप धारण कर चुका है।

जांगिड़ समाज ट्रस्ट के गठन के बाद वर्ष 2014 से समाज के कार्यों में तेजी आई। जिसमें बैंगलोर में व्यापार कर रहे 1500 प्रवासी राजस्थानी समाज बंधु इससे जुड़े जिसमें 400 ट्रस्टी और 1100 आजीवन सदस्य है। इन सबको संगठित कर जोड़ने का श्रेय आपको ही जाता है। आपके कार्यकाल वर्ष 2017 में कार्यकारिणी द्वारा बैंगलोर में श्री विश्वकर्माजी के भव्य मन्दिर का निर्माण कार्य करवाकर ऐतिहासिक प्राण प्रतिष्ठा करवाई जिसमें समस्त भारत के कोने कोने से समाज के संत महात्मा राजनेता और गणमान्य जन पधारकर इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बने।

आपने पैतृक गांव दुदोड़ में अनेक धार्मिक कार्यों में आर्थिक सहयोग प्रदान किया जिसमें मन्दिर, गौशाला, सार्वजनिक भवन, स्कूल, आश्रम आदि प्रमुख हैं। समाज सेवा एवं सामाजिक कार्यो के अलावा जीवदया श्रेत्र में भी आप सक्रिय रहे हैं  वर्तमान में श्री गोपाल गौशाला दुदौड़ के अध्यक्ष पद पर रहकर गायों की सेवा करते हुए गोशाला विकास के आयाम स्थापित कर रहे हैं।

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आपके दो पुत्र और एक पुत्री है। स्वयं कम पढ़े-लिखे होकर भी आपने शिक्षा का महत्व समझते हुए अपने पुत्र पुत्रियो को स्नातक डिग्री दिलाई और नियत समय पर तीनों का विवाह कर आप पितृऋण से मुक्त हुए। दोनो पुत्र किशोर कुमार व दिलीप कुमार पिता की आज्ञा पर चलते हुए व्यापार में सहयोग कर रहे हैं  जिससे आप व्यापारिक कार्य से मुक्त रहकर समाज सेवा के आयाम स्थापित कर रहे हैं।

आपने शिक्षा का महत्व समझकर समाज के असहाय और प्रतिभावान बच्चों को निशुल्क उच्च शिक्षा दिलवाकर उनको डाक्टर वकील इंजीनियर प्रोफेसर व्यापारी आदि बनाने के उद्देश्य से पाली में समाज का शिक्षा मंदिर स्थापित करने के लिए भंवरलाल आसदेव हिगोला और ओमप्रकाश जांगिड़़ धुन्धला से चर्चा कर तीनों प्रेरकों ने 25 मार्च 2023 को विधिवत श्री विश्वकर्मा शिक्षा समिति सम्पूर्ण पाली जिला नाम की संस्था स्थापित की इस अवसर पर भामाशाहों का सम्मान कर सदस्यता अभियान का आगाज किया। जिसके आप संरक्षक बनकर पुष्पित पल्लवित कर रहे हैं । साथ ही श्री विश्वकर्मा जांगिड़ समाज सेवा समिति पाली के संरक्षक पद पर रहकर समाज का मार्गदर्शन कर रहे है।

बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति भंवरलाल गुगरीयां की 
सदाशयता लोक निष्ठा और कर्मठता के प्रति आदरभाव 
व्यक्त करते हुए आपके इन्हीं गुणों और सेवा कार्यों के 
फल स्वरूप समाज की विभिन्न संस्थाओं द्वारा सम्मानित 
किये गये। 


24 फरवरी 2024 को कर्नाटक विश्वकर्मा सेवा 
समिति बैंगलोर द्वारा रामलला की मूर्ति बनाने वाले 
मुर्तिकार अरूण योगीराज के हाथों विश्वकर्मा सेवा रत्न 
सम्मान दिया गया।

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रविवार 19 मई 2024 को अखिल भारतीय जांगिड़ ब्राह्मण महासभा जिला शाखा पाली अध्यक्ष ओमप्रकाश जांगिड़, श्री विश्वकर्मा शिक्षा समिति पाली (सम्पूर्ण पाली जिला) अध्यक्ष भंवरलाल आसदेव एवं श्री विश्वकर्मा जांगिड़ समाज सेवा समिति पाली अध्यक्ष रामचन्द्र पीड़वा के नेतृत्व में समाज बंधुओं द्वारा रविवार 19 मई 2024 को संयुक्त रूप से अभिनन्दन किया गया। कार्यक्रम में प्रेमसुख खोड, दुर्गाराम सायल, मिश्रीलाल सांड, मूलचंद दायमा, डायाराम सायल, बंशीलाल उमराणियां, राजेन्द्र जोपिग, पारसमल बुढ़ल, गणेश किंजा, पुनाराम सायल, चन्द्रप्रकाश सिधानियां, ढगलाराम ओस्तवाल, मांगीलाल चेलावास, रतनलाल कटालियां, प्रेमप्रकाश धीर मारवाड़ जंक्शन, चन्दनमल पीड़वा सिरियारी एवं आप पास के गांवों सहित पाली जिले के सैकड़ों समाज बंधु मौजूद रहे। संचालन जवाली समाज के पूर्व अध्यक्ष घनश्याम राणावास ने किया।

अभिनन्दन पत्र मे लिखा की हम आपका अभिनन्दन करते हुए अपने को गोरान्वित समझ रहे हैं। परमपिता परमात्मा सृष्टि रचयिता भगवान विश्वकर्मा से प्रार्थना है कि आपको स्वास्थ्य और दीर्घायु प्रदान करे जिससे आप नदी के प्रवाह की तरह अनवरत सत्कर्म करते रहे आपका पुण्य और यश देशों दिशाओं में फैले।

सोमवार 21 मई 2024 को दुदोड़ में हनुमान मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर पीड़ित मानवता और मुक पशुओं की सेवा के लिए आपके द्वारा किए जा रहे जनहितकारी प्रेरणादायक कार्य के लिए आल इंडिया मीडियां एसोशिएशन जिला शाखा पाली अध्यक्ष घेवरचन्द आर्य के नेतृत्व में समाज बंधुओं द्वारा स्वागत पट्टीका से स्वागत कर आदर्श सत्संग गुटका, शिल्पी ब्राह्मण पुस्तकें और मोमेटो भेंटकर शुभकामना व्यक्त की गई । इस दौरान भंवरलाल आसदेव हिगोला, ओमप्रकाश लूंजा, ओमप्रकाश कुलरीयां, पुनाराम सायल, राजेन्द्र जोपिग, चन्द्रप्रकाश सिधानियां सहित जांगिड़ समाज पाली गणमान्य जन मोजूद रहे।


One Comment

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