मुस्लिम विधायक युनूस खान का यज्ञोपवीत के समर्थन में मुख्यमंत्री को पत्र

घेवरचन्द आर्य पाली
डीडवाना से भारतीय जनता पार्टी के मुस्लिम विधायक युनूस खान यज्ञोपवीत के समर्थन में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सुर्खियों में है।
विधायक का यह पत्र सोशल मीडिया ग्रुपों में जबरदस्त वायरस हो रहा है। विधायक युनूस खान ने लिखा की प्रदेश में 28 सितंबर, 2024 को हुई समान पात्रता परीक्षा (सीईटी) स्नातक में बांसवाड़ा से जयपुर में परीक्षा देने आए परीक्षार्थी श्री हरेन दवे से जांच के नाम पर उनकी यज्ञोपवीत (जनेऊ) तक उतरवाई गई। महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय, टॉक फाटक, जयपुर में घटित इस धर्म-संस्कार विरोधी घटना से मेरा मन भारी आहत है।
उन्होंने आगे लिखा की यह दुःखद आश्चर्य है कि यह घटना तब हुई है जब प्रदेश में आप जैसे व्यक्तित्व के धनी मुख्यमंत्री है, जो यज्ञोपवीत की अनिवार्यता और उसके वैदिक एवं पौराणिक महत्त्व से अवश्य ही परिचित होंगे। युनूस खान ने किसी वैदिक विद्वान की तरह सनातन धर्म ग्रंथों के आधार पर का यज्ञोपवीत महत्व बताते हुए लिखा की प्राचीनतम संकेत वैदिक तैतिरीय संहिता (2/5/2/1) में उपलब्ध है। वहीं देवल स्मृति ने स्पष्ट लिखा है कि वेदादि-तत्त्वों के जिज्ञासु द्विज एक क्षण के लिए भी यज्ञोपवीत से रहित नहीं होते। मनु, जैमिनि और कुमारिल भट्ट ने यज्ञोपवीत की महिमा में बहुत कुछ लिखा है बोधायन-गृह्यसूत्र (2/5/7) का कथन है –
यज्ञोपवीतं परमं पवित्रं प्रजापतेर्यत्सहजं पुरस्तात्।
आयुष्यमय्यं प्रतिमुञ्च शुभं यज्ञोपवीतं बलमस्तु तेजः ।।
उन्होंने आगे लिखा की यह दुःखद है कि प्रदेश में इस प्रकार की घटनाएं निरंतर हो रही है। और कथित धर्मरक्षकों (हिन्दूओं) ने मौन साध रखा है। मेरी आपसे विनम्र प्रार्थना है कि इस प्रकरण पर तुरंत संज्ञान लेकर इस प्रकार के वेद विरोधी कार्यों को रोकने हेतु सम्बन्धित को अविलम्ब निर्देश प्रदान करने के साथ ही उक्त प्रकरण में दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करने हेतु संबंधित को निर्देश प्रदान करने की कृपा करें।
अखिल भारतीय जांगिड़ ब्राह्मण महासभा पाली जिला अध्यक्ष ओमप्रकाश जांगिड़ एवं जिला प्रचार मंत्री घेवरचन्द आर्य को इस पत्र की जानकारी मिलने पर उन्होंने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बताया कि हमारी महासभा ने ब्राह्मणत्व और यज्ञोपवीत के लिए अनेक शास्त्रार्थ किये और उनमें हम विजय हुए हैं। जिस यज्ञोपवीत की रक्षा के लिए हमारे पूर्वजों ने अपना बलिदान दिया था। उसी पवित्र यज्ञोपवीत को सरकार द्वारा यज्ञोपवीत धारी के कंधे से उतरवाना धर्म विरोधी और अनुचित है। सरकार को यज्ञोपवीत जैसे पवित्र धार्मिक चिन्ह का महत्व समझकर भविष्य में ऐसी घटना न हो इसका समुचित ध्यान रखा जाना चाहिए ।
What’s Taking place i’m new to this, I stumbled upon this I have found It absolutely useful and it has aided me out loads. I am hoping to contribute & aid other customers like its aided me. Good job.