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सेवा भारती द्वारा संचालित हीराचंद हिम्मतमलजी परमार सेवा केंद्र पर संत रविदास जयंती आयोजित

संत रविदास की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक -रावल

सादड़ी 25फरवरी।

संत रविदास सामाजिक समरसता के संवाहक संत थे। उन्होंने मन चंगा तो कठौती में गंगा का प्रात्यक्षिक दिखा कर समाज के सामने उदाहरण रखा। इनकी सेवाएं आज भी प्रासंगिक हैं। उक्त उद्गार सेवा भारती महिला कार्य जिला प्रमुख निकिता रावल ने स्थानीय गोरों का बास में सेवा भारती द्वारा संचालित हीराचंद हिम्मत मल जी परमार सेवा केंद्र पर संत रविदास जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए।
रावल ने कहा कि संत रविदास की गणना भक्ति आंदोलन के प्रमुख संतों में होती है। मीराबाई के गुरु के रूप में सामाजिक समरसता को बढ़ावा दिया। इनके पद आज भी लोगों की जुबां पर है।


संत रविदास की तस्वीर पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन से शुरू हुए इस कार्यक्रम में सर्वप्रथम सेवा भारती महिला कार्य नगर प्रमुख भारती सोनी ने संत शिरोमणि रविदास के जीवन पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर माया सोलंकी व मनीषा सैन के निर्देशन में महिलाओं ने संत रविदास के भजनों की प्रस्तुति दी। सुनीता जोधावत ने आभार व्यक्त किया। मंच संचालन पूनम शर्मा ने किया।

इस अवसर पर हीराचंद हिम्मत मल जी परमार सेवा केंद्र पर सिलाई प्रशिक्षण लेने वाली महिलाएं उपस्थित रहीं।
उल्लेखनीय है माघ मास की पूर्णिमा को संत शिरोमणि रविदास का जन्म हुआ था। सेवा भारती शिक्षा, स्वास्थ्य तथा स्वावलंबन के सेवा कार्यों के साथ सामाजिक क्षेत्र में महापुरुषों की जयंतियों का आयोजन जैसी सेवा गतिविधि करती है।


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