श्री वैष्णोदेवी माता मंडल मुंबई बाली के तत्वाधान में श्री अयोध्या राम मंदिर जी पंच तीर्थ यात्रा का समापन कार्यक्रम श्री अयोध्या में कार केशव पुरम प्रांगण में हुआ।
आयोजक नरेन्द्र परमार ने बताया की 07.05.24 को बाली से पंच तीर्थ यात्रा का शुभारंभ हुआ जिसमे 3 बसे एवम 1 कार एवम एक तूफान गाड़ी का समावेश रहा। यात्रा में माताओं बहनों सहित 155 धर्म प्रेमियों का समावेश रहा। यात्रा 08 मई को अयोध्या 9 मई को काशी, प्रयागराज, 10 मई को मथुरा मेंहदी पुर बालाजी पहुंची 11 मई को बाली पहुंची। यात्रा में केटरिंग व्यवस्था उम्मेद पूरी की रही।
वही समापन कार्यक्रम में विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय अधिकारी गोपालजी का मुख्य अतिथि स्वरूप मार्गदर्शन हुआ। अतिथि में, महावीर सिंह देवड़ा, विहिप बाली जिला अध्यक्ष मूलाराम गहलोत, किसान संघ प्रांत उपाध्यक्ष परबत सिंह राजपुरोहित, सेवा भारती बाली जिला संयोजक ओटाराम चौधरी, वरकाना ट्रस्टी विमल सालेचा, बाली जैन भोजनशाला अध्यक्ष महिपाल राठौड़ रहे।मुख्य अतिथि गोपालजी ने अयोध्या मंदिर के संघर्ष की याद को ताजा करते हुए सभी को राष्ट्र हित समर्पण के लिए एक कदम आगे बढ़कर अग्रसर होने का निवेदन किया एवम कहा कि नरेंद्र परमार जैसा 36 कौम को लेकर यात्रा प्रेरणा और समरसता ले विषय को बाल देता है। ऐसे कार्य की अनुमोदना करता हु। अयोध्या में पधारे हुए सभी दर्शनार्थियों की अनुमोदना की। नरेन्द्र परमार ने मंडल की प्रस्तावना रखी एवम सभी को कहा की आप सभी जीवन में सेवार्थ एवम धर्म कार्य तन मन धन से समर्पण करना चाइए।
9 जून को आने वाली महाराणा प्रताप जयंती के दिन चार महापुरुषों की एक साथ हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी जोर शोर एवम शोभा यात्रा एवम सभी के आशीर्वाद से बाली के प्रताप चौक पर बाली पर मनाई जाएगी। 16 मई को नौवी में आयोजित रक्तदान शिविर में सभी को रक्तदान करने का निवेदन किया। यात्रा में मातृ शक्ति एवं मंडल के सदस्य बंधुओ एवं यात्रा में उपस्थित सदस्य बंधुओ का आशीर्वाद रहा जिससे यात्रा सफल हो पाई। यात्रा में नरेंद्र परमार एवम निर्मला परमार द्वारा अतिथियों, सभी सदस्य एवम मातृ शक्ति का सामान रूपी तिलक लगाकर एवम श्री रामजी की प्रतिमा स्मृति चिन्ह प्रदान कर बहुमान किया गया।
यात्रा के समापन कार्यक्रम जो यात्रा के सदस्यों द्वारा आयोजित होता है उस कार्यक्रम में नरेन्द्र परमार एवम उनकी पत्नी निर्मला परमार का दुपट्टा एवम तिलक द्वारा सामान किया गया एवं नरेंद्र परमार को हनुमानजी गदा निर्मल परमार को राम सीता की प्रतिमा भेंट की गई।यात्रा में महावीर सिंह देवड़ा मूलाराम गहलोत, ओटाराम चौधरी, थान सिंह राव, सुरेश कंसारा, परबत सिंह राजपुरोहित, चेत्रपाल सिंह राजेंद्र अग्रवाल, विजय जोशी, विक्रम राठौड़, दिनेश मीना, मनोहर सिंह राजपुरोहित, रतन पूरी, भलाराम देवासी, मनोहरसिंहराजपुरोहित, राजेंद्र सिंह चौहान, अमित देवगन, छगन प्रजापत, जयेश कुमावत, जगदीश देवासी, ओम वैष्णव, भरत चौधरी का एवम सभी सदस्य बंधुओ का सहयोग रहा.
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