डॉ. राजेंद्र शर्मा ने सिंगापुर इंटरनेशनल कांफ्रेंस में शोध पत्र प्रस्तुत किया
- शाहपुरा
“वैदिक साहित्य में पर्यावरण विषय पर रखी बात”
सिंगापुर मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी में 29 से 30 मई को आयोजित इंटरनेशनल कांफ्रेंस में भीलवाड़ा के जाटों का बड़ला निवासी वर्तमान केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, जयपुर के सहायक निदेशक डॉ. राजेंद्र कुमार शर्मा शामिल हुए l इन्होंने वैदिक और पौराणिक ग्रंथों में वर्णित पर्यावरण संरक्षण पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया।सिंगापुर यूनिवर्सिटी, अरबिंदो योग एंड नॉलेज फाउंडेशन, सीपीएमटी और सैंट्रल संस्कृत यूनिवर्सिटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इंटरनेशनल कांफ्रेंस में “इकोनॉमी, इकोलॉजी एंड इक्विटी इन द लाइट ऑफ धार्मिक प्रिंसिपल्स, कल्चर कंजरवेशन एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट” विषय पर अपने शोध पत्र का वाचन किया l
इस कांफ्रेंस में भारत, मलेशिया, बांग्ला देश और सिंगापुर आदि देशों के प्रतिभागी सम्मिलित हुए। भारत से सेंट्रल संस्कृत यूनिवर्सिटी से विभिन्न राज्यों के प्रोफ़ेसर, रजिस्ट्रार, वाइस चांसलर शामिल हुए। डॉ. शर्मा ने समावेशी पर्यावरण संरक्षण : वैदिक दृष्टिकोण विषय पर रिसर्च पेपर प्रस्तुत किया एवं मौजूदा पारिस्थितिकी तंत्र में जैविक घटकों के विकास के माध्यम से भारतीय संस्कृति के पर्यावरण संरक्षण में योगदान को प्रस्तुत किया। उन्होंने नैतिक दायित्वों से पर्यावरण प्रदूषण को रोके जाने के लिए वैदिक दिनचर्या की वैज्ञानिकता को स्पष्ट किया। वैदिक दर्शन द्वारा पर्यावरण की शुद्धि और प्रदूषण के निस्तारण में आधुनिक दृष्टिकोण पर भी प्रकाश डाला।
गौरतलब है कि डॉ. शर्मा पूर्व में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, हुरड़ा में पीटीआई के रूप में सेवा दे चुके है। अतः भीलवाड़ा पहुंचने पर हुरडा सीबीईओ सत्यनारायण नागर, एसीबीईओ शिव कुमार टेलर, पीटीआई ओम प्रकाश चौधरी, संजय सोनी शाहपुरा, सहायक प्रोफेसर श्याम सुंदर पारीक, रामकिशन गुर्जर, भेरूलाल शर्मा बड़ला सरपंच शिवलाल जाट आदि ने डॉ. शर्मा का स्वागत कर बधाई दी l
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