महाराष्ट्र विस अयोग्य विधायकों की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप,कहा स्पीकर जल्द फैसला करे
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रदेश उपाध्यक्ष राजस्थान सुरेन्द्रसिंह बारवा ने महाराष्ट्र विधानसभा में अयोग्य विधायकों पर कार्यवाही को लेकर दर्ज कराइ याचिकाओं पर महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर द्वारा कोई फैसला नहीं लेने पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लहजे से हस्तक्षेप कर समय निर्धारण करते हुए महाराष्ट्र स्पीकर को 31 दिसम्बर तक अंतिम लेने को लेकर मीडिया को संबोधित किया।
प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह बारवा ने कहा
की राज्य के उपमुख्यमंत्री ने एक जगह कहा
कि मुख्यमंत्री अयोग्य नहीं होंगे और अगर होंगे
तो हम उन्हें विधान परिषद में लाएंगे.अयोग्यता
छह साल और पूरे सदन के लिए है।
एनसीपी प्रदेश उपाध्यक्ष बारवा ने महाराष्ट्र विधानसभा में चल रहे गतिरोध पर भी सख्त रुख अख्तियार किया। उन्होंने कहा की महाराष्ट्र विधानसभा में अयोग्य विद्यायकों को लेकर विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा कोई निर्णय नहीं होने के स्थिति में सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है. इससे महाराष्ट्र की जनता बेहद संतुष्ट हैं. बारवा ने कहा की ”मैं अपनी पार्टी की ओर से न्यायाधीशों को धन्यवाद देता हूं क्योकि यह निर्णय भारतीय न्यायपालिका की बहुत अच्छी कार्यप्रणाली का परिचायक है।
उन्होंने आगे कहा की यह समझ से परे है कि 9 लोग अचानक जाकर अपनी मूल पार्टी के बारे में सोचे बिना शपथ ले लेते हैं. इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष सुनवाई लंबित थी. लेकिन दूसरा पक्ष सुनवाई में देरी कर रहा था. सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया और अंतिम निर्णय के लिए समय तय किया है. शिवसेना सदस्यों के लिए 31 दिसंबर, जबकि एनसीपी सदस्यों के लिए 31 जनवरी तय की गई है. हमें विश्वास है कि विधानसभा अध्यक्ष सही निर्णय लेंगे क्योंकि समय काफी सीमित है।
पता नहीं क्यों राज्य के उपमुख्यमंत्री लगातार मुख्यमंत्री को सांत्वना देने की कोशिश कर रहे हैं. देश में दलबदल निषेध का कानून इसी उद्देश्य से आया है. अगर किसी सदस्य ने 10वीं अनुसूची का उल्लंघन किया है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. यह कानूनी फैसला है और इसे स्वीकार किया जाना चाहिए.