रेडक्रॉस पाली द्वारा संतोष जोगी को विवाह सामग्री समर्पण
”बाधाएं आती है आए घिरे प्रलय की घोर घटाएं पांवों के नीचे अंगारे सिर पर बरसें यदि ज्वालाएं निज हाथों…
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