सुमेरपुर: गमगीन माहौल में मृतकों का किया अंतिम संस्कार
-शनिवार शाम हाइवे पर नेतरा के बीच हुआ था दर्दनाक सड़क हादसा
सुमेरपुर| नेशनल हाइवे 162 पर नेतरा के बीच शनिवार शाम को हुए दर्दनाक सड़क हादसे में मृतक चार जनों के शवों को पुलिस ने रविवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद उनके परिजनों को सुपुर्द किए। मृतकों का गमगीन माहौल के बीच अंतिम संस्कार किया गया। कोसेलाव निवासी मृतका अरुणा मेघवाल (23) व उसकी बहन कंचन मेघवाल (20) का शव जैसे ही गांव में पहुंचे तो मातम छा गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल गया। अंतिम यात्रा में शामिल लोग अपने आंसू नहीं रोक पा रहे थे।
इधर, पावा गांव में मृतक महेंद्र मेघवाल (25) का शव पहुंचा तो परिवार में कोहराम मच गया। रविवार दोपहर बाद चाचा के आने के बाद श्मशान घाट पर परिजनों व समाजबंधुओं की मौजूदगी में मृतक का अंतिम संस्कार किया गया। सभी ने नम आंखों से विदाई दी। वहीं गुड़िया (जालोर) निवासी मृतक मोहनलाल मेघवाल (24) का भी रविवार को अंतिम संस्कार हुआ। गांव में मृतक का शव पहुंचने के बाद घरों में चूल्हे तक जले। मोहन की मौत से माता-पिता और बहिनों व परिवार पर मानों की दुख का पहाड़ टूट गया हो। असमय घर के इकलौते चिराग के बुझ जाने के कारण उनके आंसू ही नहीं रूक रहे थे। इस दर्दनाक सड़क हादसे ने चार-चार जिंदगियां छीन ली। ‘हादसे का हाइवे’ के नाम से जाना जाने वाला नेशनल हाइवे 162 कई घरों के चिराग बुझाने की वजह बना हुआ है परन्तु जिम्मेदारों का ध्यान इस ओर कभी ठहरता ही नहीं है।
केबिनेट मंत्री कुमावत ने अस्पताल पहुंचकर पूछी घायलों की कुशलक्षेम –
घटना की जानकारी मिलने के बाद केबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत घायलों की कुशलक्षेम पूछने के लिए अस्पताल पहुंच गये। जहां पर चिकित्सा विभाग को उच्च चिकित्सा मुहैया करने के निर्देश दिए। पूर्व प्रधान हरिशंकर मेवाड़ा भी घटना स्थल पर पहुंचे थे और जानकारी ली।
ये यह है पूरा मामला –
नेशनल हाइवे 162 पर नेतरा के बीच शनिवार शाम करीब साढ़े 4 बजे एक कार अनियंत्रित होकर पलट गई थी । जिसमें सवार एक ही परिवार की दो बहिनों सहित चार जनों की मौत हो गई थी और तीन जने गंभीर घायल हो गये थे। घायलों को सुमेरपुर के भगवान महावीर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहीं मृतकों के शवों को मोर्चरी में रखवाया गया। रविवार सुबह पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद मृतकों के शव परिजनों को सुपुर्द किये। जिसके बाद गमगीन माहौल के बीच कोसेलाव, पावा व गुड़िया गांवों में शवों का अंतिम संस्कार किया गया।
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