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जनसमस्याओं के समाधान में कोताही न बरतें अधिकारी – लोकसभा अध्यक्ष बोले- प्रोजेक्ट लटकाने वाले ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट करें

जयपुर। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को कोटा में आयोजित बैठक में कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र की विभिन्न पेयजल परियोजनाओं और व्यवस्थाओं की समीक्षा की। बैठक में पीएचईडी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी और ऊर्जा राज्य मंत्री(स्वतंत्र प्रभार)  हीरालाल नागर भी उपस्थित रहे।

बिरला ने अधिकारियों को  संवेदनशीलता के साथ कार्य कर गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए आमजन को निर्बाध पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने तथा इसमें किसी प्रकार की लापरवाही न बरतने के निर्देश दिए।

                कई परियोजनाओं में देरी की जानकारी मिलने पर ओम बिरला ने पीएचईडी मंत्री को कहा कि प्रोजेक्ट को डिले करने वाले ठेकेदारों को चेतावनी दी जाए और यदि इसके बावजूद सुधार नहीं होता है तो उन्हें स्थाई रूप से ब्लैकलिस्ट किया जाए। बिरला ने अधिक जल संकट वाले क्षेत्रों में सभी पहलुओं का  आंकलन कर नए प्रस्ताव तैयार करने, समर कंटीजेंसी योजना में हैंडपंप, ट्यूबवेल, टंकी और पाइपलाइन से जुड़े अधूरे कार्यों को समयबद्ध ढंग से पूरा कर आमजन को राहत देने के निर्देश दिए।

                बैठक में नवनेरा, परवन-अकावद, बोराबास-मंडाना, रामगंजमण्डी जलापूर्ति परियोजना सहित प्रमुख योजनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई। अधिकारियों ने जल जीवन मिशन के तहत किए गए कनेक्शनों, अमृत 2.0 योजना व बजट घोषणा के तहत स्वीकृत कार्यों की प्रगति से भी अवगत कराया।

50 वर्षों का जरूरतों को रखें ध्यान-

                बिरला ने नई पेयजल योजनाओं का प्रारूप तैयार करते समय क्षेत्र में 50 वर्षों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखने के निर्देश दिए। उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि पेयजल पाइपलाइन और सीवरेज लाइन के लिए खोदी गई सड़कों की समय पर मरम्मत की जाए, भविष्य में किसी भी सड़क निर्माण या इंटरलॉकिंग कार्य से पहले सभी भूमिगत कार्य पूरे कर लें ताकि सड़कों को बार-बार तोड़ने की जरूरत न पड़े और जनता को असुविधा से बचाया जा सके।

हर खबर पर संज्ञान लेकर समाधान करें-

      बिरला ने मीडिया में प्रकाशित/प्रसारित पेयजल आपूर्ति संबंधी खबरों पर गंभीरता से कार्रवाई करने और पीएचईडी के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने की गई कार्रवाई के संबंध में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी अवगत कराने के निर्देश दिए। उन्होंने सुझाव दिया कि जलापूर्ति परियोजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए पीएचईडी के सेवानिवृत्त अधिकारियों और कर्मचारियों के अनुभव का लाभ लिया जाए।

फील्ड मॉनिटरिंग बढ़ाएं, अवैध कनेक्शनों पर सख्त कार्रवाई हो-

                बैठक में पीएचईडी मंत्री ने अवैध कनेक्शनों पर रोक लगाने और पुलिस सहयोग से उन्हें हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गरडदा परियोजना में डिज़ाइन और जल उपलब्धता के अनुसार ही कनेक्शन स्वीकृत किए जाएं तथा पाइपलाइन बिछाने के बाद मलबे का उचित निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को क्षेत्र में जाकर परियोजनाओं की फील्ड मॉनिटरिंग करने और आवश्यकता के अनुसार जल आपूर्ति बढ़ाने के भी निर्देश दिए।

                बैठक में कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा, राकेश जैन, जिला प्रमुख मुकेश मेघवाल, लोकसभा सचिवालय के संयुक्त सचिव गौरव गोयल, कोटा संभागीय आयुक्त राजेन्द्र सिंह शेखावत, कोटा जिला कलेक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी, बूंदी जिला कलेक्टर अक्षय गोदारा, सांगोद प्रधान जयवीर सिंह, सुल्तानपुर प्रधान कृष्णा शर्मा, इटावा प्रधान रिंकू मीणा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

न्यूज़ डेस्क

"दिनेश लूनिया, एक अनुभवी पत्रकार और 'Luniya Times Media' के संस्थापक है। लूनिया 2013 से पत्रकारिता के उस रास्ते पर चल रहे हैं जहाँ सत्य, जिम्मेदारी और राष्ट्रहित सर्वोपरि हैं।

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