रानी में उपखंड कार्यालय के पास न्यायालय भवन के लिए भूमि आवंटित — वकीलों ने मनाया जश्न

संवाददाता: भरत जीनगर, रानी स्टेशन। रानी कस्बे के लिए एक ऐतिहासिक क्षण आया जब उपखंड कार्यालय के पास स्थित खाली भूमि में सिविल न्यायालय भवन के निर्माण हेतु भूमि आवंटित की गई। इस फैसले से रानी वासियों के साथ-साथ वकील समुदाय में भी उत्साह की लहर दौड़ गई।
भूमि आवंटन की आधिकारिक प्रक्रिया पूर्ण
शुक्रवार को जिला कलेक्टर द्वारा न्यायालय भवन हेतु भूमि आवंटन का आदेश जारी किया गया। इसके पश्चात तहसीलदार मनोहर सिंह ने कलेक्टर के निर्देशानुसार सिविल न्यायाधीश रोजी कंसारा को नियत भूमि का विधिवत कब्जा सौंपा। यह भूमि उपखंड कार्यालय के पास स्थित है, जो न्यायिक कार्यों के संचालन हेतु उपयुक्त मानी जा रही है।
वकील मंडल ने मनाया उत्सव
भूमि हस्तांतरण की यह खुशखबरी मिलते ही वकील मंडल रानी ने तहसील परिसर में ढोल-नगाड़ों के साथ उत्सव मनाया। पटाखे छोड़े गए और मिठाइयां बांटी गईं। अधिवक्ताओं ने एक-दूसरे को बधाई दी और यह दिन रानी के न्यायिक इतिहास में एक मील का पत्थर बताया।
2019 से चल रहा था संघर्ष
गौरतलब है कि वर्ष 2019 में रानी में सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय की स्थापना हुई थी। तब से ही वकील मंडल रानी लगातार इस न्यायालय के लिए पृथक भवन एवं भूमि आवंटन की मांग कर रहा था। वकील मंडल के पदाधिकारी कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन सौंप चुके थे।
प्रतिनिधिमंडल की सक्रिय भूमिका
गत बुधवार को वकील मंडल के एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार से मुलाकात की और उन्हें विस्तृत रिपोर्ट के साथ एक ज्ञापन सौंपा। इसके बाद जिला न्यायाधीश के साथ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ऋचा चौधरी और सिविल न्यायाधीश रोजी कंसारा ने प्रस्तावित भूमि का स्थलीय निरीक्षण किया।

निरीक्षण के बाद तीनों न्यायिक अधिकारियों ने जिला कलेक्टर से समन्वय स्थापित किया। दो दिन के भीतर ही जिला कलेक्टर ने वकीलों और आम जनता की मांग को देखते हुए न्यायालय भवन के लिए भूमि आवंटन का आदेश जारी कर दिया।
इस ऐतिहासिक निर्णय के अवसर पर वकील मंडल के पदाधिकारियों ने सिविल न्यायाधीश रोजी कंसारा एवं तहसीलदार मनोहर सिंह का माल्यार्पण कर अभिनंदन किया। साथ ही, जिला न्यायाधीश पाली, जिला कलेक्टर पाली तथा क्षेत्रीय विधायक केसाराम चौधरी के प्रति आभार व्यक्त किया गया।
इस मौके पर उपस्थित प्रमुख जन
इस अवसर पर वकील मंडल अध्यक्ष सुरेश कुमार मेहरा, विजय राजपुरोहित, वरिष्ठ अधिवक्ता गणेशराम चौधरी, राजेन्द्र प्रसाद गौतम, राजेन्द्र सिंह राजपुरोहित, ललित दवे, कोर्ट रीडर प्रवीण कुमार, महीराम विश्नोई, पटवारी शंकरसिंह राजपुरोहित सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता एवं आम नागरिक उपस्थित रहे।
रानी में सिविल न्यायालय के लिए भूमि आवंटन एक लंबे संघर्ष का सकारात्मक परिणाम है। यह निर्णय न केवल वकील समुदाय की मेहनत का फल है, बल्कि न्याय व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। अब रानी में न्यायिक कार्य और अधिक सुलभ और व्यवस्थित रूप से संपन्न हो सकेंगे।