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ढाई साल के मासूम जश ओझा के अंगदान से सात लोगों को मिला नया जीवन

विक्रम बी राठौड़
रिपोर्टर

विक्रम बी राठौड़, रिपोर्टर - बाली / मुंबई 

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गुजरात के सूरत शहर में ढाई साल के जश संजीव ओझा की एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना के बाद ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। जश के माता-पिता ने इस कठिन समय में एक साहसिक निर्णय लेते हुए उसके अंगदान का फैसला किया, जिससे सात लोगों को नया जीवन मिला।

जश के फेफड़े, किडनी, लीवर और आंखों का दान किया गया। जश का हृदय रूस के एक 4 वर्षीय बच्चे में और फेफड़े यूक्रेन के एक अन्य 4 वर्षीय बच्चे में प्रत्यारोपित किए गए। सूरत और चेन्नई के बीच लगभग 1600 किलोमीटर की दूरी को ग्रीन कॉरिडोर की मदद से महज 2 घंटे 40 मिनट में तय किया गया, जिससे अंगों का सफल प्रत्यारोपण संभव हो सका।

जश के पिता, संजीव भाई ओझा, जो पेशे से पत्रकार हैं, ने पहले से ही लोगों को अंगदान के लिए प्रेरित किया है। उनके इस निर्णय ने अंगदान के महत्व को एक नई ऊंचाई दी है और पूरे देश में एक मिसाल कायम की है। जश के इस महान कार्य से सात लोगों को नया जीवन मिला है, और यह कहानी अंगदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

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