आतंकी फंडिंग में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स की भूमिका – कड़े नियमों और त्वरित कार्रवाई की जरूरत
सरकार सुनिश्चित करे कि भारत में डिजिटल व्यापार सुरक्षित, पारदर्शी और नैतिक दायरे में रहे : शंकर ठक्कर

मुंबई। कॉन्फडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय मंत्री एवं अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने बताया एफएटीएफ (FATF) की हालिया रिपोर्ट में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और पेमेंट ऐप्स के ज़रिए आतंकी फंडिंग का खुलासा हुआ है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है। यह बेहद चिंताजनक है कि जो डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म सुविधा और नवाचार के लिए बनाए गए थे, आज उन्हें देशविरोधी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
दिल्ली के चांदनी चौक से सांसद एवं कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म्स की जवाबदेही तय होनी चाहिए। क्या ये प्लेटफ़ॉर्म अपनी जिम्मेदारी से बच सकते हैं? यह सवाल उठाना ज़रूरी है।
उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि हाल ही में भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा अमेज़न के गोदामों पर छापेमारी की गई, जिसमें भारी मात्रा में नकली और घटिया सामान बरामद हुआ। इससे प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियों की नियामक अनुपालन और उपभोक्ता संरक्षण में लापरवाही उजागर होती है।
उन्होंने कहा कि यह घटनाएं अलग-थलग नहीं हैं, बल्कि व्यापार और उपभोक्ताओं की सुरक्षा पर मंडरा रहे एक संगठित खतरे का संकेत हैं। ई-कॉमर्स कंपनियों की बेलगाम और अनैतिक गतिविधियाँ, स्थानीय छोटे व्यापारियों की रोज़ी-रोटी छीन रही हैं और देश की आर्थिक व कानूनी व्यवस्था को कमजोर कर रही हैं।
खंडेलवाल ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि सरकार सख्त और त्वरित कदम उठाए। उन्होंने आग्रह किया है की उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत उल्लंघनकर्ताओं पर कड़ी कार्रवाई हो, एक व्यापक ई-कॉमर्स नीति तुरंत लागू की जाए, जो पारदर्शिता, जवाबदेही और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करे, डिजिटल पेमेंट गेटवे की सख्ती से निगरानी हो ताकि उनका दुरुपयोग रोका जा सके, एक स्वतंत्र नियामक प्राधिकरण की स्थापना हो जो भारत में ई-कॉमर्स को नियंत्रित और मॉनिटर करे।
शंकर ठक्कर ने आगे कहा कि देश की अर्थव्यवस्था, व्यापारी और उपभोक्ता कुछ गैरजवाबदेह ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म्स की मनमानी के कारण बंधक नहीं बन सकते। इसलिए, यह आवश्यक है कि सरकार तत्काल हस्तक्षेप करे और यह सुनिश्चित करे कि भारत में डिजिटल व्यापार सुरक्षित, पारदर्शी और नैतिक दायरे में रहे।