गौशाला संचालकों को आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने की जरूरत- उत्तम माहेश्वरी
गौशाला संचालकों को आजरूरत- उत्तम माहेश्वरी

भीलवाड़ा -पेसवानी। भीलवाड़ा विधायक कार्यालय में गौशाला संचालकों, गौ पालकों और गौ रक्षकों की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई। बैठक का शुभारंभ भारत माता की तस्वीर पर माल्यार्पण कर किया गया, जिसमें गोवत्स लाल जी महाराज, पूर्व न्यास अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण डाड और अन्य गणमान्य अतिथियों ने भाग लिया।
बैठक में मुख्य वक्ता के रूप में गौ वैज्ञानिक उत्तम माहेश्वरी (मुंबई) ने गौशालाओं की आत्मनिर्भरता, नवाचार और वित्तीय प्रबंधन पर विशेष मार्गदर्शन दिया। उन्होंने गौशालाओं के संचालन, गौवंश के देखभाल एवं संवर्धन, पौष्टिक आहार व्यवस्था, उचित आवास और आर्थिक संसाधन जुटाने के तरीकों पर प्रकाश डाला। माहेश्वरी ने कहा कि गौशाला संचालकों को पारंपरिक तरीकों से आगे बढ़ते हुए आधुनिक नवाचार अपनाने होंगे, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।
गौसेवा से मिलता है आध्यात्मिक और सामाजिक लाभ
इस अवसर पर भीलवाड़ा विधायक अशोक कोठारी ने गौसेवा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गौमाता की सेवा से मानव का कल्याण स्वतः ही हो जाता है। उन्होंने बताया कि 33 कोटि देवी-देवताओं का वास गौवंश में माना जाता है और गौसेवा करने से प्रभु श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं। उन्होंने गौसेवा को संपूर्ण समाज के लिए कल्याणकारी बताते हुए इसे पूरे परिवार के साथ मिलकर करने की अपील की।
ग्राम विकास के लिए प्राकृतिक कृषि और जल संरक्षण पर जोर
सरोज देवी फाउंडेशन (आरसीएम) के संरक्षक तिलोक चंद छाबड़ा के ग्राम विकास मिशन के तहत सत्यम शर्मा ने बैठक में बताया कि प्राकृतिक कृषि, गौ पालन, जल संरक्षण, चारागाह विकास और पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए दिसंबर 2024 में 600 से अधिक किसानों की दो दिवसीय आवासीय कार्यशाला आयोजित की गई थी। इस कार्यशाला का अनुभव बहुत सकारात्मक रहा और इसी को ध्यान में रखते हुए आगामी 29 से 31 अगस्त 2025 को तीन दिवसीय कार्यशाला आयोजित करने की योजना बनाई गई है।
गौशालाओं को अनुदान दिलाने की दिशा में प्रगति
राष्ट्रीय गौ सेवा समिति के अध्यक्ष गोपाल बांगड़ ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्व में केवल 13 गौशालाओं को अनुदान स्वीकृत था, लेकिन अब प्रयासों के चलते यह संख्या बढ़कर 38 हो गई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही यह संख्या 51 तक पहुंचाई जाएगी, जिससे और अधिक गौशालाओं को आर्थिक सहयोग मिल सकेगा।
बैठक में सुरभि गौशाला के विवेक निमावत, वरिष्ठ समाजसेविका दीदी निरंजना सोनी, गौसंसद बहादुर सिंह, गौ सेवा मित्र मंडल के अध्यक्ष अमन शर्मा सहित कई अन्य गौसेवकों ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
निःशुल्क कानूनी सहायता और सरकारी योजनाओं की जानकारी
गौशाला संचालन से जुड़ी किसी भी प्रकार की कानूनी समस्या या सलाह के लिए एडवोकेट विजय सोनी निःशुल्क सेवाएं दे रहे हैं। वहीं, केंद्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी और लाभ दिलाने के लिए एडवोकेट अर्पित कोठारी अपनी सेवाएं निरंतर प्रदान कर रहे हैं।
गौशालाओं के विकास में सरकार की भूमिका
बैठक में केंद्र सरकार द्वारा संसद में प्रस्तावित वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा की गई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व उनकी पूरी टीम के प्रयासों की सराहना की गई। उपस्थित जनों ने गौसेवा और समाज कल्याण में सरकार की भूमिका की सराहना करते हुए एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी। इस दौरान ‘मोदी को जय श्री राम’ के नारों से वातावरण गूंज उठा।
गौशाला संचालकों की बड़ी भागीदारी
बैठक में विभिन्न गौशालाओं से जुड़े प्रतिनिधि शामिल हुए, जिनमें मेघरास से श्री शिव गौ सेवा के रामस्वरूप, रघुनाथपुरा से श्री नीलकंठ महादेव गौशाला के चंद्रप्रकाश, लुहारिया से मनमोहन गौसेवा ट्रस्ट के भैरुलाल पांचाल, बागोर से श्री कृष्ण गोपाल गौशाला के राकेश, लाडपुरा से श्री सांवरिया गौशाला के चांदमल, सिंगोली से चारभुजा नाथ सिंगोली श्याम गौ सेवा संस्थान के हरि शंकर, महुआ से श्री राम गौशाला संस्थान के राजकुमार धाकड़, मांडलगढ़ से श्री माँ भगवती गौशाला के छगनलाल भांड, बिजौलिया से श्री तिलस्वा नाथ गौशाला के छित्तर मल, कामधेनु गौशाला के ओमप्रकाश काबरा, आमली से बजरंग गौशाला के किशन लाल, सुवाणा से श्री मातेश्वरी गौ सेवा के प्रकाश चपलोत, रोंपा से देवनारायण गौशाला के सत्यनारायण सहित अन्य गौशाला संचालक और गौसेवक उपस्थित रहे।
बैठक का संचालन बाबूलाल टाक ने किया। सभी गौसेवकों ने गौशालाओं के विकास और गौवंश की सेवा में निरंतर कार्य करने का संकल्प लिया।