जयपुर, 2 जनवरी 2025। राजस्थान में खनिज संपदा की वैज्ञानिक तरीके से खोज और उसके संभावित उपयोग पर विचार-विमर्श करने के लिए जनवरी के तीसरे सप्ताह में देश और प्रदेश के विशेषज्ञ जयपुर में जुटेंगे।
इस मंथन में केंद्र और राज्य सरकार के विभागों, संस्थानों और निजी क्षेत्र की भागीदारी होगी। राज्य के माइंस, भूविज्ञान और पेट्रोलियम विभाग के प्रमुख शासन सचिव टी. रविकान्त ने इस आयोजन की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस महत्वपूर्ण बैठक का उद्देश्य खनिज संपदा के अन्वेषण में नवीनतम तकनीकों के उपयोग और निजी क्षेत्र के संस्थानों को जोड़कर राज्य की खनिज क्षमताओं को विकसित करना है।
खनिज अन्वेषण पर केंद्र और राज्य की संयुक्त भागीदारी
रविकान्त ने बताया कि राजस्थान में कुल 82 प्रकार के खनिज उपलब्ध हैं, जिनमें से वर्तमान में केवल 57 खनिजों का खनन किया जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा खनिज क्षेत्र में सुधार और क्रिटिकल व स्ट्रेटेजिक मिनरल्स की नीलामी का कार्य शुरू किया गया है। इसके तहत निजी क्षेत्र के संस्थानों को भी शामिल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पहली बार केंद्र सरकार ने क्रिटिकल और स्ट्रेटेजिक खनिजों के ऑक्शन का जिम्मा अपने हाथ में लिया है। इसके अलावा, खनिज ब्लॉकों की नीलामी के लिए एक्सप्लोरेशन लाइसेंस (EL) की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है। इन प्रयासों के साथ, राज्य सरकार का उद्देश्य खनिज संसाधनों के सही उपयोग और नवीनतम तकनीक के माध्यम से खोज प्रक्रिया को और सटीक बनाना है।
एक दिवसीय मंथन: राष्ट्रीय और क्षेत्रीय विशेषज्ञों की भागीदारी
जयपुर में आयोजित इस एक दिवसीय मंथन में केंद्र और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के साथ-साथ निजी क्षेत्र के विशेषज्ञ भी हिस्सा लेंगे। इसमें केंद्र सरकार के माइंस मंत्रालय, जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI), एमईसीएल, इंडियन ब्यूरो ऑफ माइंस (IBM), एटॉमिक मिनरल डिपार्टमेंट और केंद्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त निजी संस्थानों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। राज्य के खनिज अन्वेषण में मदद करने वाली संस्थाओं और विशेषज्ञों की सहभागिता से राज्य में क्रिटिकल और स्ट्रेटेजिक मिनरल्स की संभावनाओं का आकलन किया जाएगा। इसके साथ ही, भविष्य के रोडमैप को तैयार करने में भी इस मंथन से सहायता मिलेगी।
राजस्थान: मेजर मिनरल ब्लॉकों की नीलामी में शीर्ष पर
रविकान्त ने बताया कि राजस्थान ने मेजर मिनरल ब्लॉकों की नीलामी में देशभर में अग्रणी स्थान हासिल किया है। राज्य में क्रिटिकल और स्ट्रेटेजिक मिनरल्स के सकारात्मक संकेत भी मिले हैं। इन संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए खनिज अन्वेषण को गति देने के लिए नवीनतम तकनीक और विशेषज्ञता का उपयोग किया जाएगा। राज्य की खनिज संपदा का सटीक विश्लेषण करने और खोज कार्य को बेहतर बनाने के लिए जयपुर में होने वाला यह मंथन एक बड़ा कदम है।
तैयारियों पर विशेष ध्यान
इस आयोजन की तैयारी की जिम्मेदारी माइंस और भूविज्ञान विभाग के निदेशक भगवती प्रसाद कलाल को सौंपी गई है। उन्होंने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की एक कोर टीम का गठन किया है, जो आयोजन की प्रगति और तैयारियों की निगरानी कर रही है। यह मंथन न केवल राजस्थान बल्कि पूरे देश में खनिज क्षेत्र के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगा। विशेषज्ञों की उपस्थिति से न केवल खनिज अन्वेषण को नई दिशा मिलेगी बल्कि इससे राज्य में आर्थिक विकास की संभावनाओं को भी बल मिलेगा।