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देश को आर्थिक सक्षम करने के लिए बजट में व्यापारी वर्ग को विशेष तवज्जो दी जाये:शंकर ठक्कर

देश के व्यापारियों की केंद्रीय बजट से यह है उम्मीदें

मुम्बई/ललित दवे

कॉन्फ़डरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) महाराष्ट्र के महामंत्री एवं अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने बताया 1 फ़रवरी को प्रस्तुत होने वाले अंतरिम बजट में कैट ने केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन से आग्रह किया है कि बजट में देश के व्यापारी वर्ग को विशेष तवज्जो दी जाये और जीएसटी को एक सरलीकृत प्रणाली बनाने के लिए जीएसटी क़ानून की नये सिरे से समीक्षा की जाए और क़ानून ऐसा बनाया जाये जिससे देश का आम व्यापारी भी सरलता से क़ानून की पालना कर सकें। वर्तमान में जीएसटी कर प्रणाली जटिलताओं से ग्रसित है जिसको ठीक किया जाना बेहद आवश्यक है जिससे जीएसटी का कर दायरा बढ़ेगा तथा केंद्र एवं राज्य सरकारों को भी राजस्व में वृद्धि होगी। कैट ने सुझाव दिया है कि हर ज़िला स्तर पर अधिकारियों एवं व्यापारियों की एक जीएसटी कोआर्डिनेशन कमेटी बनाई जाये ताकि ज़िला स्तर पर ही समस्याओं का समाधान हो और जीएसटी का कर दायरा ज़िला स्तर पर ही आपसी समन्वय से बढ़ाया जाये।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि व्यापारियों के लिए कंपनियों की तरह ही आय कर का एक विशेष स्लैब बनाया जाये वहीं व्यापार पर लगे सभी क़ानूनों की समीक्षा हो तथा जो क़ानून पुराने हो गए हैं और अप्रासंगिक है उन्हें समाप्त किया जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक देश – एक क़ानून का विजन घोषित किया गया है, इसमें व्यापारियों के लिए एक लाइसेंस भी जोड़ा जाये। व्यापार करने के लिए अनेक प्रकार के लाइसेंस लेने पड़ते हैं, उनके स्थान पर केवल एक लाइसेंस प्रणाली को घोषित किया जाए।

शंकर ठक्कर ने यह भी आग्रह किया कि अब बिना किसी और देरी के ई कॉमर्स पालिसी और नियमों को घोषित किया जाए वहीं नेशनल रिटेल ट्रेड पालिसी को भी तुरंत लागू किया जाये, जो लगभग तैयार है। उन्होंने कहा कि व्यापारियों को बैंकों से ऋण कम ब्याज दरों पर आसानी से उपलब्ध कराने की योजना घोषित हो वहीं व्यापारियों को पेंशन देने की वर्तमान स्कीम को संशोधित कर दोबारा लागू किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक राज्य की राजधानी में होलसेल कारोबार के लिए एक स्पेशल ट्रेड जोन भी बनाने की घोषणा हो जहां सरकार एक विंडो स्थापित करे जिससे सभी प्रकार की सरकारी प्रक्रिया एक ही सिंगल विंडो से पूरी की जा सके। कैट ने यह भी माँग की है कि टेक्सटाइल, खिलौने, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं इलेक्ट्रिकल, ऑटो पार्ट्स, हार्डवेयर, आभूषण, रेडीमेड गारमेंट्स जैसे विभिन्न व्यापार के लिए एक स्पेशल टास्क फ़ोर्स बनाई जाए जो इन वस्तुओं के भारत से ज़्यादा से ज़्यादा निर्यात पर व्यापारी संगठनों के साथ मिलकर एक ठोस योजना बनाये ताकि भारत के निर्यात में तेज़ी से वृद्धि की जा सके।

कैट ने कहा कि चेक बाउंस होना व्यापारियों की बहुत बड़ी समस्या है, इसलिए चेक बाउंस के मामलों के शीघ्र निपटान के लिये प्रत्येक ज़िला स्तर कर एक रिकवरी ट्रिब्यूनल अथवा लोक अदालत गठित की जायें जिसमें 45 दिनों में ऐसे मामले निबटाये जायें । कैट ने यह भी माँग की है कि व्यापारियों को एमएसएमई को मिलने वाले सभी लाभ दिए जाने का भी एलान हो तथा मार्केटों में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए भी एक नीति बनाई जाए।व्यापारियों के लिए बैंकिंग प्रणाली को अधिक चुस्त दुरुस्त किया जाये जिससे बैंकों का लाभ दूर दराज तक सभी को मिले। कैट ने यह भी आग्रह किया है कि डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए क्रेडिट डेबिट कार्ड पर लगने वाले बैंक शुल्क को सरकार सीधे बैंकों को सब्सिडी दे ताकि व्यापारियों और उपभोक्ताओं पर कोई भी बैंक शुल्क देने की ज़िम्मेवारी न हो वहीं एक डिजिटल पेमेंट प्रमोशन बोर्ड का भी गठन किया जाये।

कैट महाराष्ट्र प्रदेश के वरिष्ठ अध्यक्ष महेश बखाई ने कहा कि केंद्र की तर्ज पर महाराष्ट्र में भी एक व्यापारिक बोर्ड गठित करने की घोषणा हो जिसमें व्यापारियों का प्रतिनिधित्व हो और यह बोर्ड महाराष्ट्र में व्यापार के नए अन्य अवसर कैसे बनाए जाए उस पर नीति बनाई जाए।


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